STQC प्रमाणन लागू: भारत की सुरक्षा प्रणाली में ऐतिहासिक बदलाव, CP PLUS बना परिवर्तन का अग्रदूत
punjabkesari.in Tuesday, May 20, 2025 - 11:52 AM (IST)

चंडीगढ़। 9 अप्रैल 2025 की तारीख भारतीय सुरक्षा प्रणाली के इतिहास में एक निर्णायक मोड़ के रूप में दर्ज हो गई। इस दिन से भारत सरकार द्वारा निर्धारित एस.टी.क्यू.सी. (स्टैंडर्डाइजेशन टेस्टिंग एंड क्वालिटी सर्टिफिकेशन) के ER IoTSCS मानदंडों को औपचारिक रूप से लागू किया गया, जिसने निगरानी प्रणाली की गुणवत्ता और विश्वसनीयता को नए मानकों से जोड़ दिया। इस ऐतिहासिक बदलाव का नेतृत्व किया है भारत की अग्रणी सुरक्षा समाधान कंपनी CP PLUS ने, जिसने न केवल इन नए मानकों का पालन किया, बल्कि उन्हें अपनाने में अग्रणी बनकर सामने आई है।
भारत जैसे विशाल और विविधतापूर्ण देश में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की सुरक्षा हमेशा एक चुनौती रही है। पारंपरिक कैमरे अब सिर्फ निगरानी उपकरण नहीं, बल्कि बुद्धिमान प्रहरी बन चुके हैं जो विश्लेषण करने, अलर्ट देने और परिस्थितियों के अनुसार अनुकूलित होने में सक्षम हैं। लेकिन इस शक्ति के साथ जवाबदेही का होना भी आवश्यक है, और यही उत्तर है STQC।
एस.टी.क्यू.सी, जो MeitY (इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय) के अंतर्गत कार्यरत है, ने ER IoTSCS (सुरक्षा के लिए आवश्यक आवश्यकताएँ - IoT निगरानी अनुपालन मानक) नामक एक विस्तृत मानक ढांचा तैयार किया है। ये केवल तकनीकी दस्तावेज नहीं, बल्कि भारत की सुरक्षा प्रणाली का संविधान हैं, जो यह सुनिश्चित करते हैं कि प्रत्येक निगरानी उत्पाद साइबर सुरक्षा, टिकाऊपन और अखंडता के सख्त परीक्षणों पर खरा उतरे।
सी.पी. प्लस ने इस परिवर्तन का स्वागत ही नहीं किया, बल्कि इसे अपने मिशन का हिस्सा बना लिया। कंपनी ने अपने STQC-प्रमाणित PTZ और IPC कैमरा रेंज के माध्यम से यह सिद्ध किया है कि सुरक्षा केवल निगरानी का नाम नहीं, बल्कि विश्वास का दूसरा नाम है। इन कैमरों को देश के हर कोने, राजस्थान के रेगिस्तानों से लेकर तमिलनाडु के तटीय इलाकों, दिल्ली के व्यस्त मेट्रो स्टेशनों से लेकर पूर्वोत्तर के दूरदराज पुलिस थानों तक में सफलता से स्थापित किया गया है।
एस.टी.क्यू.सी. प्रमाणन का उद्देश्य सिर्फ अनुपालन नहीं है, बल्कि यह भारत की साइबर और फिजिकल सुरक्षा के लिए एक मजबूत दीवार खड़ी करता है। यह सुनिश्चित करता है कि सभी निगरानी उत्पाद एंड-टू-एंड सुरक्षा, पर्यावरणीय सहनशीलता, IoT इंटीग्रेशन, और स्वदेशी निर्माण के मानकों पर खरे उतरें। यानि यह केवल तकनीकी प्रक्रिया नहीं, बल्कि विश्वास की एक प्रणाली है जिसे राष्ट्रीय स्तर पर अपनाया जा रहा है।
सरकार द्वारा जारी सार्वजनिक खरीद आदेश (PPO) और BIS का अनिवार्य पंजीकरण आदेश (CRO) इस प्रक्रिया को और सुदृढ़ बनाते हैं। PPO के अंतर्गत अब सरकार केवल STQC-प्रमाणित और स्वदेशी तकनीकों को ही स्वीकार कर रही है, जबकि CRO 9 अप्रैल 2025 से देश के सामान्य बाजार के लिए भी STQC अनुपालन को अनिवार्य बनाता है।
सी.पी. प्लस, जो भारत में निर्मित उच्च-गुणवत्ता निगरानी उपकरणों की अग्रणी निर्माता है, ने एस.टी.क्यू.सी. मानकों के अनुसार न केवल उत्पाद तैयार किए हैं, बल्कि उन्हें भारत की आवश्यकताओं के अनुसार अनुकूलित भी किया है। इनके कैमरे एन्क्रिप्शन, टेम्पर-प्रूफ हार्डवेयर, सिक्योर फर्मवेयर अपडेट और रीयल-टाइम एनालिटिक्स जैसी आधुनिक विशेषताओं से लैस हैं।
सी.पी. प्लस के प्रबंध निदेशक, श्री आदित्य खेमका ने कहा, “आज के युग में सुरक्षा सबसे अहम चिंता बन चुकी है। CP PLUS के कैमरों को मिला STQC प्रमाणन हमारे ग्राहकों को यह विश्वास दिलाता है कि वे ऐसे उत्पाद में निवेश कर रहे हैं जो प्रदर्शन, गुणवत्ता और विश्वसनीयता के सर्वोच्च मानकों पर खरा उतरता है।”
भारत सरकार की यह पहल न केवल सुरक्षा के क्षेत्र में जागरूकता बढ़ा रही है, बल्कि “मेक इन इंडिया” के विजन को भी साकार कर रही है। स्वदेशी उत्पादों को मान्यता मिलना और वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना आज समय की मांग बन चुकी है।
आज जब देश स्मार्ट सिटीज़, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में तेजी से आगे बढ़ रहा है, STQC प्रमाणन जैसे कदम यह सुनिश्चित करते हैं कि भारत की सुरक्षा प्रणाली न केवल तकनीकी रूप से सक्षम हो, बल्कि भरोसेमंद और आत्मनिर्भर भी हो। और इस परिवर्तन के केंद्र में है CP PLUS, जो केवल निगरानी नहीं कर रहा, बल्कि आने वाले भारत की सुरक्षा को परिभाषित कर रहा है।