पिछले वर्ष का बजट खर्च नहीं कर पाया निगम, नए की तैयारी

punjabkesari.in Tuesday, Jan 23, 2018 - 12:32 PM (IST)

चंडीगढ़(राय) : नगर निगम के अभी तक अपने विभिन्न विभागों के लिए पिछले वर्ष बजट में रखे गए पैसे नहीं खर्च कर पाया है जबकि वह आगामी वर्ष के बजट की तैयारी कर रहा है। निगम के रिकार्ड के अनुसार निगम ने वर्ष 2017-18 के लिए 31 दिसम्बर तक मिले कुल फंड का सिर्फ 45 प्रतिशत हिस्सा ही खर्च किया है। 

 

बजट रिपोर्ट के मुताबिक पिछले वर्ष 1005 करोड़ बजट निगम ने अप्रूव किया था, जिसमें से उसे 419 करोड़ रुपए मिले थे। इसमें से 150 करोड़ कजौली वाटर वर्कस के लिए थे, जबकि बाकी राशि अलग-अलग विभागों के कार्यों के लिए जारी की थी। निगम ने प्राइमरी एजुकेशन के लिए पांच करोड़ रुपए में से अब तक सिर्फ एक लाख ही खर्चे हैं, जबकि शहर की स्कूलों की हालत खस्ता बनी है और इनमें स्टाफ भी कम है। 

 

ऐसे प्राइमरी हैल्थ में भी वे आठ करोड़ में से सिर्फ एक करोड़ ही खर्च कर पाया है, जबकि ज्यादातर डिस्पैंसरियों को रैनोवेशन की जरूरत है। इसके अलावा वहां स्टाफ और दवाइयां भी उपलब्ध नहीं होती। ऐसे फायर एंड एमरजैंसी डिपार्टमैंट की भी यही हालत है। फायर डिपार्टमैंट के लिए जारी 30 करोड़ में से निगम ने सिर्फ एक करोड़ ही खर्च किए हैं। 

 

वहीं निगम ने सैक्टर-1, 48 और 52 में फायर स्टेशन निर्माण की योजना बनाई थी, जिसे अमलीजामा पहनाने के लिए अभी तक कोई प्रयास नहीं किया गया। पिछले दो साल से समय पर रिपेयर न होने से 10 फायर बिग्रेड की गाडिय़ां कंडम हो गई। यहां तक कि कर्मचारियों को पिछले एक साल से वर्दी तक नहीं मिली है। 

 

निगम ने विभाग में फायर सेफ्टी सूट, 61 मीटर हाईड्रोलिक प्लेटफार्म और कम्यूनिकेशन विंग को मजबूत करने का भी फैसला लिया था, लेकिन अभी तक इस पर भी कुछ नहीं हो पाया है। हाईड्रोलिक प्लेटफार्म के लिए तो निगम टैंडर तक नहीं निकाल पाया है। पिछले कई साल से निगम अपना टैक्नीकल चीफ फायर ऑफिसर भी तैनात नहीं कर पाया है, जबकि इसकी जिम्मेदारी भी एडिशनल कमिश्नर पद पर तैनात किसी अधिकारी को दे दी जाती है। 

 

अप्रैल, 2017 से लेकर दिसम्बर 31, 2017 तक निगम ने प्राइमरी एजुकेशन में 5 करोड़ खर्च में से 1 लाख, फायर एंड एमरजैंसी के 30 करोड़ में से 1 करोड़, सैनीटेशन के 20 करोड़ में से 4 करोड़, पब्लिक हैल्थ विभाग के 146 करोड़ में से  90 करोड़, प्राइमरी हैल्थ के 8 करोड़ में से 1 करोड़, इलैक्ट्रिफिकेशन के 5 करोड़ में से 80 लाख, हार्टीकल्चर के 10 करोड़ में से 2 करोड़ ही खर्च किए है।  


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