कलाग्राम में हिमाचल सरस मेले का समापन: देश ही नहीं,विदेशों में भी सैल्फ हैल्प ग्रुपों के प्रोडक्ट्स को दिलाएंगे पहचान : अनिरूद्ध सिंह
punjabkesari.in Tuesday, Feb 14, 2023 - 12:24 AM (IST)

चंडीगढ़,(मीनाक्षी): चंडीगढ़ में मनीमाजरा में बने कलाग्राम में हिमाचल सरस मेले के समापन अवसर पर सोमवार को हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरूद्ध सिंह बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे और स्वयं सहायता समूहों के सभी स्टॉलों का निरीक्षण कर उनका संचालन करने वाली महिलाओं से मेले के बारे में और सरकार की ओर से की गई व्यवस्था की फीडबैक ली। उनके साथ मुख्यमंत्री के पॉलिटिकल एडवाइजर सुनील शर्मा भी मौजूद रहे। इस दौरान कुछ स्टॉल संचालकों ने खुद की तैयार की गई आईटम्स भी मंत्री को भेंट की। अनिरूद्ध सिंह ने कहा कि इस पहल का मुख्य मकसद महिलाओं को सामाजिक और आर्थिक मुद्दों से जोडऩा, प्रदेश से धीरे-धीरे लुप्त हो रही चीजों को सहेजना और इनका देश ही नहीं दुनिया के हर कोने तक प्रचार करना है। प्रदेश सरकार के प्रतिनिधियों की जल्द ही जी-20 के प्रतिनिधियों से बैठक होने जा रही है, जिसमें उन्हें हिमाचल के खास व्यंजनों और चीजों से अवगत करवाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अंबाला और लुधियाना को चुनौती देना अभी मुश्किल हो रहा है क्योंकि हमारी लागत ज्यादा है, समय भी ज्यादा लगता है। वहां काम मशीनों से हो रहा है। मगर ये हमारी नैक्सट जैनरेशन को समझना होगा। रेट भी अच्छा मिलेगा। पैकेजिंग और लेबलिंग कम दाम में हम मुहैया करवाएंगे। इस संबंध में हमारी बात चल रही है।
आने वाले समय में ट्रेनिंग सैंटर भी स्थापित करेंगे
अनिरूद्ध सिंह ने कहा कि आने वाले समय में ट्रेनिंग सैंटर भी स्थापित करेंगे। देश में 2 ही सरस मेले नहीं लगेंगे, इनकी संख्या भी बढ़ाएंगे। चंडीगढ़ और दिल्ली में तो मेले लगते ही रहेंगे। प्रदेश में भी जिले से लेकर ब्लॉक लैवल तक मेले आयोजित कर लोकल चीजों को प्रोमोट किया जाएगा। लोकल प्रोडक्ट्स को बेचने के लिए रूरल डिवैल्पमैंट की हाट (मार्कीट) बनाएंगे, जहां सैल्फ हैल्प ग्रुप अपना सामान बेच सकेंगे। अनिरूद्ध सिंह ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की टोपी और शॉल के अलावा चंबा के रूमाल व खड्डी से बने सामान का भी प्रचार करना चाहिए।
किरण और मीनाक्षी ने बयां की सफलता की कहानी
दो महिलाओं किन्नौर की किरण और शिमला की मीनाक्षी ने अपनी सफलता की कहानी भी बयां की। उन्होंने बताया कि उन्होंने कैसे चूल्हे-चौके को छोड़कर खुद को आत्मनिर्भर बनाया। किरण 6 साल पहले तो मीनाक्षी 2 साल पहले सैल्फ हैल्प ग्रुप का हिस्सा बनीं। दोनों के फूड कॉर्नर को मेले के दौरान खूब वाहवाही मिली। उन्होंने बताया कि चंडीगढ़ वालों को उनका पारंपरिक खाना बहुत पसंद आया।
13 दिन में 80 लाख की सेल, चंबा के रूमाल का धमाल
13 दिन तक चले सरस मेले में 170 ग्रामीण स्वयं सहायता समूहों ने अपने स्टॉल लगाए। इस दौरान 80 लाख की सेल हुई। वीकैंड पर कलाग्राम में वाहन पार्क करने तक को जगह नहीं मिलती थी। वहीं इस बिक्री में अहम भूमिका निभाने वाली महिलाओं को खासतौर पर सम्मानित भी किया गया। आर्ट एंड क्राफ्ट के प्रोडक्ट की सबसे ज्यादा सेल करने में किन्नौर की दुर्गा, फूड कोर्ट में सबसे ज्यादा बिक्री करने वाली बिलासपुर की कृष्णा, इन्नोवेटिव प्रोडक्ट में चंबा के रूमाल के लिए अनीता, कुशा घास के प्रोडक्ट बनाने वाली मंजू को मंत्री ने मोमैंटो देकर सम्मानित किया।