भगवंत सिंह मान ने पंजाब के पानी पर साजिश रचने के लिए भाजपा को घेरा
punjabkesari.in Wednesday, Apr 30, 2025 - 09:17 PM (IST)

चंडीगढ़, 30 अप्रैल (अर्चना सेठी) हरियाणा और केंद्र सरकार द्वारा पंजाब के पानी पर डाका डालने की घृणित साजिशें रचने के लिए भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए, मुख्य मंत्री भगवंत सिंह मान ने आज स्पष्ट किया कि पंजाब के पास किसी अन्य राज्य को देने के लिए एक भी बूंद अतिरिक्त पानी नहीं है।
हरियाणा के अपने समकक्ष को लिखे पत्र में मुख्य मंत्री ने कहा कि उन्हें केवल मीडिया के माध्यम से श्री नायब सिंह सैनी का पत्र प्राप्त हुआ है और यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि आप संवैधानिक पद पर बैठकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं कि पंजाब के मुख्य मंत्री ने हरियाणा को पानी देने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि यह दावा पूरी तरह से झूठ का पुलिंदा है और संवैधानिक पद की जिम्मेदारी निभा रहे व्यक्ति को ऐसा कहना शोभा नहीं देता। भगवंत सिंह मान ने कहा कि हरियाणा के मुख्य मंत्री ने उन्हें फोन किया था, लेकिन उन्होंने श्री सैनी को कभी भी पानी देने का आश्वासन नहीं दिया। मुख्य मंत्री ने कहा कि वे ऐसा वादा तभी कर सकते थे, यदि पंजाब के पास किसी अन्य राज्य के साथ साझा करने के लिए एक भी बूंद पानी होता।
मुख्य मंत्री ने बताया कि भाखड़ा ब्यास प्रबंधकीय बोर्ड (बी.बी.एम.बी.) हर साल पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के बीच पानी का बंटवारा करता है, जो 21 मई से अगले साल के 20 मई तक लागू रहता है। उन्होंने बताया कि बी.बी.एम.बी. ने राजस्थान, हरियाणा और पंजाब को क्रमशः 3.318 एम.ए.एफ., 2.987 एम.ए.एफ. और 5.512 एम.ए.एफ. पानी आवंटित किया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि हरियाणा में भाजपा सरकार इस साल 31 मार्च तक अपने हिस्से का पानी उपयोग कर चुकी है।
मुख्य मंत्री ने कहा कि इसके बाद हरियाणा सरकार ने पंजाब से अपील की थी कि उनके पास लोगों के लिए पीने का पानी भी नहीं है। उन्होंने कहा कि मानवता के आधार पर पंजाब सरकार ने उदारता दिखाते हुए 6 मार्च, 2025 से हरियाणा को प्रतिदिन 4000 क्यूसेक पानी देना शुरू कर दिया। भगवंत सिंह मान ने कहा कि भले ही हरियाणा की आबादी तीन करोड़ है, जिसके अनुसार इस राज्य के लोगों की पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए 1700 क्यूसेक पर्याप्त है।
मुख्य मंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार ने पंजाब से अपनी वास्तविक जरूरत से ढाई गुना अधिक पानी मांगा। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद पंजाब अप्रैल माह से प्रतिदिन यह पानी दे रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले हरियाणा ने यह तर्क देते हुए कि इस पानी से काम नहीं चल रहा, अतिरिक्त 8500 क्यूसेक पानी प्रतिदिन की मांग की। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इससे सिद्ध होता है कि यह पानी सिंचाई के उद्देश्य के लिए चाहिए और यह समस्या इसलिए उत्पन्न हुई क्योंकि हरियाणा ने अपने पानी का उपयोग सही ढंग से नहीं किया।
मुख्य मंत्री ने इस तथ्य का भी जिक्र किया कि पंजाब पहले ही खेतों की सिंचाई के लिए पानी की कमी से जूझ रहा है, क्योंकि भूजल स्तर गिर रहा है। उन्होंने कहा कि डैमों में पानी का स्तर चिंताजनक स्थिति में नीचे आ गया है। इसका हवाला देते हुए मुख्य मंत्री ने कहा कि पौंग डैम, भाखड़ा डैम और रणजीत सागर डैम में पानी का स्तर पिछले साल की तुलना में क्रमशः 32 फीट, 12 फीट और 14 फीट नीचे आ चुका है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य के लिए पानी की एक-एक बूंद अमूल्य है और इसे किसी के साथ साझा करने का सवाल ही नहीं उठता।
मुख्य मंत्री ने कहा कि पंजाब के पानी का सरोकार केवल पंजाब से है और इसे किसी को ले जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पंजाब को उसके कानूनी अधिकारों से वंचित करने की कतई अनुमति नहीं देगी। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भाजपा हरियाणा और केंद्र सरकारों के माध्यम से राज्य के साथ ज्यादती करना चाहती है। उन्होंने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि बी.बी.एम.बी. द्वारा पंजाब के पानी पर डाका डालने के लिए आए दिन नए प्रस्ताव पारित किए जा रहे हैं। भगवंत सिंह मान ने दोहराया कि राज्य सरकार पंजाब के अधिकारों की रक्षा के लिए डटकर पहरा देगी और किसी को भी हमारे पानी को छीनने की अनुमति नहीं देगी।