उभरती अर्थव्यवस्थाओं में टॉप पर होगी भारतीय अर्थव्यवस्थाः विश्व बैंक

punjabkesari.in Wednesday, Jun 06, 2018 - 05:36 PM (IST)

वाशिंगटनः विश्वबैंक ने भारत की आर्थिक वृद्धि दर इस साल 7.3 प्रतिशत और अगले 2 साल 7.5 प्रतिशत रहने का पूर्वानुमान व्यक्त किया है। इससे भारत प्रमुख उभरती अर्थव्यस्थाओं में सबसे तेजी से वृद्धि करने वाली अर्थव्यवस्था बना हुआ है। विश्वबैंक के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था शानदार और लचीली है तथा इसमें सतत वृद्धि की क्षमता है।

विश्वबैंक ने कल जारी अपनी वैश्विक आर्थिक संभावना रिपोर्ट के जून 2018 संस्करण में कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि का पूर्वानुमान वित्त वर्ष 2018-19 में 7.3 प्रतिशत तथा वित्तवर्ष 2018-19 और 2019-20 में 7.5 प्रतिशत है। इससे शानदार निजी उपभोग और मजबूत होते निवेश का पता चलता है। 

भारत ने सबसे तेजी से की वृद्धि
रिपोर्ट में कहा गया कि दक्षिण एशिया की आर्थिक वृद्धि दर 2018 में 6.9 प्रतिशत और 2019 में 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है। विश्वबैंक में विकास संभावना समूह के निदेशक ऐहान कोसे ने कहा कि भारत ने विश्व की प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से वृद्धि करने का दर्जा बरकरार रखा है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत की अर्थव्यवस्था (आज) अच्छी और दमदार है तथा मजबूत वृद्धि की क्षमता रखती है।’’ विश्वबैंक ने जनवरी 2018 से भारत की आर्थिक वद्धि दर का पूर्वानुमान अपरिर्वितत रखा है।

चीन की आर्थिक वृद्धि दर
रिपोर्ट के अनुसार, चीन की आर्थिक वृद्धि दर 2017 के 6.9 प्रतिशत की तुलना में गिरकर 2018 में 6.5 प्रतिशत, 2019 में 6.3 प्रतिशत और 2020 में 6.2 प्रतिशत पर आ जाने का अनुमान है। कोसे ने मौजूदा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार के प्रमुख आर्थिक सुधारों एवं वित्तीय पहलों को श्रेय देते हुए कहा कि भारत के पास करीब 7 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर की क्षमता है और देश अभी क्षमता से तेज वृद्धि कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत अच्छा कर रहा है। वृद्धि शानदार है। निवेश वृद्धि उच्च बना हुआ है। उपभोग मजबूत बना हुआ है। कुल मिलाकर ये आंकड़े उत्साहवर्धक हैं।’’ 

कोसे ने कहा, ‘‘आर्थिक वृद्धि के मामले में यह तथ्य है कि भारत शानदार उपभोग वृद्धि और निवेश में सक्षम है। बड़ा मुद्दा यह है कि भारत के पास इस वृद्धि को बरकरार रखने की क्षमता है और हम इस बारे में आशावान हैं कि भारत क्षमता को हासिल कर सकता है।’’ उन्होंने महिला श्रम भागीदारी में वृद्धि का हवाला देते हुए कहा कि भारत के पास माध्यमिक शिक्षा पूरी करने की दर में सुधार के विकल्प हैं। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

jyoti choudhary

Recommended News

Related News