Digital Economy के साथ बढ़ रहा Digital Fraud का खतरा, देखें हैरान करने वाले आंकड़े

punjabkesari.in Saturday, Sep 20, 2025 - 05:11 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः भारत में डिजिटल इकॉनमी तेजी से बढ़ रही है लेकिन इसके साथ ही डिजिटल फ्रॉड के मामले भी चिंताजनक स्तर तक पहुंच गए हैं। ठग अब हाई-टेक तरीके अपनाकर लोगों से करोड़ों रुपए ठग रहे हैं। सरकार और आरबीआई लगातार सख्ती कर रहे हैं, बावजूद इसके साइबर अपराधियों की चालाकियां नई-नई चुनौतियां खड़ी कर रही हैं।

हाल ही में गुरुग्राम की एक महिला "डिजिटल अरेस्ट" स्कैम का शिकार हो गई और उसने 5.85 करोड़ रुपए गंवा दिए। सितंबर 2024 में कुछ ठगों ने खुद को कानून प्रवर्तन एजेंसी का अधिकारी बताकर वीडियो कॉल किया और फर्जी आईडी दिखाकर महिला व उसके बेटे को जेल भेजने की धमकी दी। डर के माहौल में महिला ने पहले ही दिन 2.8 करोड़ रुपए और अगले दिन 3 करोड़ रुपए ट्रांसफर कर दिए।

साइबर क्राइम में कई बार बैंककर्मी की संलिप्तता भी सामने आई है। बेंगलुरु के एक बैंक कर्मचारी प्रताप केसरी प्रधान को हाल ही में हैदराबाद पुलिस ने गिरफ्तार किया। आरोप है कि वह AU स्मॉल फाइनेंस बैंक में कस्टमर रिलेशन ऑफिसर रहते हुए ठगों के लिए फर्जी अकाउंट खोलता और जानकारी व्हाट्सएप पर साझा करता था।

आरबीआई भी इस बढ़ते खतरे को लेकर चिंतित है। आरबीआई चीफ संजय मल्होत्रा ने 27 जनवरी 2025 को बैंकों के सीईओ के साथ बैठक में कहा था कि डिजिटल स्कैम्स में पिछले दो सालों में करीब 2,500 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।

विशेषज्ञों का कहना है कि ठग ज्यादातर डर का माहौल बनाकर लोगों से पैसे ठगते हैं। ऐसे में जरूरी है कि लोग सतर्क रहें। कोई भी सरकारी एजेंसी फोन कॉल पर गिरफ्तारी या कार्रवाई की धमकी नहीं देती। किसी भी संदिग्ध स्थिति में तुरंत राष्ट्रीय साइबर फ्रॉड हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें या cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज कराएं। साथ ही, बैंक अलर्ट सक्रिय रखना भी बेहद जरूरी है ताकि हर ट्रांजेक्शन की जानकारी तुरंत मिल सके।
 
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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