क्यों जा रही हैं IT कंपनियों में हजारों की नौकरी?

punjabkesari.in Wednesday, May 10, 2017 - 04:43 PM (IST)

नई दिल्लीः तकनीक बहुत तेजी से बदलती है और इस क्षेत्र में काम करने वालों के लिए ये एक बड़ी चुनौती है। हर साल की तरह इंफ़ॉर्मेशन टेक्नोलॉजी कंपनियां ऐसे कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा रहीं है जिनकी परफ़ॉर्मेन्स उम्मीद के मुताबिक नहीं रही है। हर साल निचले स्तर के आई.टी. पेशेवरों की नौकरियां जाती हैं लेकिन इस साल बड़े पदों पर बैठे आई.टी. पेशेवरों पर यह गाज गिर रही है।

अंडर परफॉर्मेंस पर नज़र
भारत के आई.टी. उद्योग में इन दिनों वाइस प्रेसिडेंट, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट के पदों पर बैठे दिग्गजों को भी पिंक स्लिप थमाई जा रही है। कई बड़ी आई.टी. कंपनियों के अधिकारियों ने इस बारे में सिर्फ़ इतना ही कहा है कि ये हर साल होता है कि अंडर परफॉर्मर यानी जिसका प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक़ नहीं रहा, उन कर्मचारियों को हटाया जाता है। इंफोसिस के एच.आर. और फाइनेंस विभाग के पूर्व प्रमुख मोहनदास पाई ने कहा, ''कई बार उद्योगों में पता चलता है कि कई स्तरों पर अव्यवस्था हो गई है। कई लोग ऊंचे पद पर पहुंच जाते हैं लेकिन वहीं पर ठहर जाते हैं और फिर क्लर्क की तरह काम करते रहते हैं। इसलिए हर 5 साल में इस तरह के कदम उठाने पड़ते हैं।''

IT क्षेत्र में तेज़ी से बदलाव
150 अरब डॉलर का आई.टी. उद्योग इस समय में कई बदलावों के दौर से गुज़र रहा है। दुनिया के कई देशों में भारतीय आई.टी. कंपनियां सेवाएं दे रही थीं लेकिन अब इनकी मांग में कमी देखी गई है। वो दिन चले गए जब आई.टी. उद्योग में 35 से 40 फीसदी की सालाना वृद्धि देखी जाती थी। इन दिनों आई.टी. उद्योग छह से आठ प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है। मोहनदास पाई का कहना है, ''जो कर्मचारी कंपनी के लिए सीधे कमाई ला रहा है उसे इस छंटाई से फ़र्क नहीं पड़ेगा, जो कंपनी के लिए कुछ नहीं जोड़ रहा उसे ज़रूर हटाया जाएगा।'' यहां सौ बात की एक बात यह है कि आई.टी. उद्योग में लंबी पारी खेलनी है तो अपने कौशल को लगातार बढ़ाना और तकनीक के बदलते स्वरूप के साथ कदम से कदम मिलाना होगा।


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