मध्य प्रदेश में इफरात प्याज गाय भैंस को खिला रहे हैं किसान, दूध में गंध

punjabkesari.in Saturday, Sep 10, 2016 - 04:27 PM (IST)

इंदौरः मध्य प्रदेश में इस बार प्याज के बम्पर उत्पादन के चलते थोक बाजार में इसकी कीमतें लुढ़कने के बाद किसानों ने इस सब्जी की खेप को खपाने का नया तरीका खोज निकाला है। किसानों ने अपने घर में जमा प्याज को दुधारू पशुआें को खिलाना शुरू कर दिया है।  

 

इंदौर दुग्ध उत्पादक संघ के अध्यक्ष भारत मथुरावाला ने कहा, ‘हाल के दिनों में इस तरह की गंध के बारे में कुछ ग्राहकों की शिकायत पर हमने इसकी जांच कराई। इससे पता चला कि इसकी वजह किसानों द्वारा दुधारू पशुआें को धड़ल्ले से खिलाई जा रही प्याज है।’ दुग्ध उत्पादक संघ ने पशुपालक किसानों को दुधारू मवेशियों को प्याज न खिलाने की सलाह दी है।   

 

माथुरावाला ने कहा कि बम्पर उत्पादन के कारण प्याज के भाव इतने गिर चुके हैं कि किसानों को इसे ट्रैक्टर में लादकर मंडी तक लाना भी महंगा पड़ रहा है। इसलिए उन्होंने अपने घरों में बडे पैमाने पर प्याज जमा कर रखी है जिसे वे अपने दुधारू पशुआें को खिलाकर खपा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इंदौर क्षेत्र में मुख्य पशु आहार के रूप में इस्तेमाल की जाने वाली कपास्या खली के भाव इन दिनों बढ़कर 3,000 रुपए क्विंटल पर पहुंंच चुके हैं। इससे किसानों के लिए दूध उत्पादन की लागत बढ़ गई है।    

 

मथुरावाला ने कहा, ‘दूध उत्पादकों को राहत देने के लिये प्रदेश सरकार को कपास्या खली पर लगाया गया एक प्रतिशत मूल्य संवर्धित कर (वैट) हटाना चाहिए। इसके साथ ही, कपास्या खली के वायदा कारोबार पर भी रोक लगाई जानी चाहिए।’ पशु चिकित्सक ज्योतिप्रकाश मिश्रा ने बताया कि दुधारू पशुओं को ज्यादा प्याज खिलाने से उनके पाचन तंत्र पर भी बुरा असर पड़ता है। उन्होंने कहा, ‘अगर पशु प्याज को साबुत निगल लेते हैं, तो यह उनके गले या आंत में फंस सकती है। यह स्थिति भी मवेशियों के स्वास्थ्य के लिए घातक है।’   


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