आपके Mutual Funds पर बजट का क्या असर हो सकता है? समझिए

punjabkesari.in Thursday, Jul 25, 2024 - 10:59 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः केंद्रीय बजट 2024 में कैपिटल गेन टैक्स में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जो इक्विटी और इक्विटी-ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड्स पर शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) को प्रभावित करते हैं। यहां विस्तार से समझिए....

1.LTCG और STCG क्या हैं?

  • STCG (शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन): एक साल से कम अवधि तक रखे गए म्यूचुअल फंड्स निवेश पर लागू होता है।
  • LTCG (लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन): एक वर्ष से अधिक अवधि तक रखे गए म्यूचुअल फंड्स निवेश पर लागू होता है।

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2. नए टैक्स रेट्स क्या हैं?

  •  LTCG को 10% से बढ़ाकर 12.5% किया गया है।
  • STCG को 15% से बढ़ाकर 20% किया गया है।
  • लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर छूट सीमा 1 लाख रुपए से बढ़ाकर 1.25 लाख रुपए की गई है।

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3. किस फंड पर क्या असर होगा?

  • कैटिगरी 1

इक्विटी फंड्स, जिनमें 65% से ज्यादा इक्विटी होती है। इसमें STCG के लिए टैक्स 20% होगा और LTCG के लिए 12.5% होगा।  

  • कैटिगरी 2

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ये वे फंड हैं जिनमें 65% से ज्यादा डेट सिक्योरिटीज होती हैं। इस पर मार्जिनल टैक्स लगाया जाता है। 

  • कैटिगरी 3

इसमें गोल्ड फंड्स, इंटरनैशनल फंड्स, हाइब्रिड फंड्स आदि आते हैं। इसमें लॉन्ग टर्म निवेशकों को मटिरियल बेनिफिट मिलेगा।

बजट में यह संशोधन अब म्यूचुअल फंड्स के निवेशकों को समझने में मदद करेगा कि उनके निवेश पर कैसा टैक्स प्रभाव होगा और वे अपनी निवेश स्ट्रैटेजी को इस आधार पर समझें।

यूं समझें

सिनेरियो 1: शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स (STCG) 

बजट 2024 से पहले
₹5 लाख को STCG माना गया है, टैक्स लायबिलिटी 
5 लाख रुपए का 15% = 75,000 रुपए

बजट 2024 के बाद
5 लाख रुपए को STCG माना गया है, टैक्स लायबिलिटी 
5 लाख रुपए का 20% = 1,00,000 रुपए
टैक्स लायबिलिटी में वृद्धि: ₹25,000

सिनेरियो 2: लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) टैक्स

बजट 2024 से पहले 
5 लाख रुपए को LTCG माना गया है, 
टैक्सेबल इनकम= ₹5 लाख - ₹1 लाख (छूट) = ₹4 लाख
टैक्स लायबिलिटी = ₹4 लाख का 10% = ₹40,000

बजट 2024 के बाद
₹5 लाख को LTCG माना गया है।
टैक्सेबल इनकम = ₹5 लाख - ₹1.25 लाख (छूट) = ₹3.75 लाख
टैक्स लायबिलिटी = ₹3.75 लाख का 12.5% = ₹46,875
टैक्स लायबिलिटी में वृद्धि: ₹6,875

म्यूचुअल फंड्स एक्सपर्ट विजय मंत्री ने बताया कि इन नए बदलावों के कारण निवेशकों को विड्रॉल करने पर अब अधिक खर्चा आएगा, क्योंकि इसके अलावा expansion ratio भी लगेगा।

 


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Content Writer

jyoti choudhary

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