Vodafone Idea की इक्विटी, कर्ज के जरिए 45,000 करोड़ रुपए जुटाने की योजना

punjabkesari.in Wednesday, Feb 28, 2024 - 10:40 AM (IST)

नई दिल्लीः टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर वोडाफोन आइडिया (VI) के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने इक्विटी और इक्विटी से जुड़े साधनों के जरिए 20,000 करोड़ रुपए तक का फंड जुटाने की मंजूरी दे दी जिसमें कंपनी के प्रोमोटर्स भी शामिल होंगे। इसके साथ ही वोडाफोन आइडिया ने कहा कि इक्विटी और डेट के मिश्रण के जरिए लगभग 45,000 करोड़ रुपए का फंड जुटाने की योजना बनाई गई है।

गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रही कंपनी इस समय अपना वजूद बचाने के लिए संघर्ष कर रही है। इसपर करीब 2.1 लाख करोड़ रुपए का भारी कर्ज है और ग्राहकों की संख्या में लगातार आ रही गिरावट के बीच इसे तिमाही घाटा भी उठाना पड़ रहा है।

20,000 करोड़ रुपए तक का फंड जुटाने को मंजूरी

टेलीकॉम कंपनी ने एक बयान में कहा कि उसके बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने इक्विटी या इक्विटी से जुड़े माध्यमों के मिश्रण से 20,000 करोड़ रुपए तक का फंड जुटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसके लिए प्रबंधन को बैंकरों और सलाहकारों को नियुक्त करने के लिए भी अधिकृत किया गया है। कंपनी इस प्रस्ताव पर 2 अप्रैल को अपने शेयरधारकों की बैठक में मंजूरी लेगी। उसे आने वाली तिमाही में इक्विटी फंड जुटाने की प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद है। इक्विटी बढ़ोतरी की प्रक्रिया में प्रोमोटर्स भी भाग लेंगे।

वोडाफोन आइडिया ने कहा कि इक्विटी फंड जुटाने के बाद वह अपने लेंडर्स के साथ मिलकर सक्रिय रूप से डेट फंडिंग के लिए काम करेगी। इक्विटी और डेट के संयोजन से कंपनी लगभग 45,000 करोड़ रुपए जुटाने की योजना बना रही है। वोडाफोन आइडिया ने कहा कि उसका बैंक लोन इस समय 4,500 करोड़ रुपए से कम है।

5G नेटवर्क शुरुआत और क्षमता विस्तार में मिलेगी मदद

बयान के मुताबिक, इक्विटी और डेट फंड जुटाने के बाद कंपनी 4G कवरेज, 5G नेटवर्क शुरुआत और क्षमता विस्तार के लिए निवेश करने में सक्षम होगी। इससे कंपनी अपनी प्रतिस्पर्द्धी स्थिति सुधारने और बेहतर ग्राहक अनुभव देने में सक्षम हो सकेगी।

वोडाफोन आइडिया ने कहा कि सीमित निवेश के साथ भी प्रदर्शन में लगातार सुधार दिखा है। प्रस्तावित फंड जुटाने और सकारात्मक परिचालन विकास के साथ कंपनी बाजार में प्रभावी ढंग से प्रतिस्पर्धा करने के लिए आश्वस्त है। पिछले साल सांविधिक बकाया राजस्व पर देय ब्याज को हिस्सेदारी में बदलने के बाद कंपनी में सरकार की हिस्सेदारी 33.1% हो गई है।
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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