वित्त वर्ष 2025 में रक्षा उत्पादन 1.46 लाख करोड़ रुपए पार: राजनाथ
punjabkesari.in Friday, May 30, 2025 - 05:09 PM (IST)

नई दिल्लीः वर्ष 2024-25 में भारत में रक्षा उत्पादन 1.46 लाख करोड़ रुपए से भी अधिक के सर्वकालिक स्तर पर पहुंच गया है। वित्त वर्ष 2024 में दर्ज 1.27 लाख करोड़ रुपए की तुलना में इसमें 15 प्रतिशत की तेजी दर्ज हुई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यह बात कही। रक्षा मंत्री ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष में रक्षा वस्तुओं का निर्यात भी उच्चतम स्तर (24,000 करोड़ पार) पर पहुंच गया था, जो वित्त वर्ष 2024 में दर्ज 21,083 करोड़ रुपए से लगभग 14 प्रतिशत अधिक है।
नई दिल्ली में भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के सम्मेलन में सिंह ने इन शानदार आंकड़ों की जानकारी दी। उन्होंने निजी क्षेत्र के योगदानों की भी चर्चा की जो 32,000 करोड़ रुपए से अधिक रही (कुल रक्षा उत्पादन का लगभग 22 प्रतिशत)। वित्त वर्ष 2024 में कुल उत्पादन मूल्य में निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी 20.8 प्रतिशत रही।
रक्षा मंत्री ने इस बात का भी जिक्र किया कि एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) कार्यक्रम के अंतर्गत पहली बार सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की तरह निजी क्षेत्र को भी बड़ी रक्षा परियोजना में शिरकत करने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा, ‘एएमसीए परियोजना के तहत पांच नमूने पहले तैयार किए जाएंगे जिसके बाद उत्पादन का सिलसिला शुरू हो जाएगा। यह मेक इन इंडिया कार्यक्रम के इतिहास में एक प्रमुख उपलब्धि है।‘
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत का दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना हम सबके लिए गर्व की बात है। उन्होंने देश के आर्थिक विकास में रक्षा क्षेत्र की भूमिका का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘10-11 साल पहले देश में रक्षा उत्पादन लगभग 43,000 करोड़ रुपए का था मगर अब यह बढ़कर 1.46 लाख करोड़ रुपए से भी अधिक हो गया है। इनमें निजी क्षेत्र का योगदान 32,000 करोड़ रुपए रहा है।
जहां तक रक्षा साजो-सामान के निर्यात की बात है तो 10 वर्ष पहले यह आंकड़ा महज 600-700 करोड़ रुपए हुआ करता था मगर अब यह बढ़कर 24,000 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। हमारे हथियार, हमारी प्रणाली, पुर्जे एवं सेवाएं लगभग 10 देशों तक पहुंच रहे हैं।‘
रक्षा मंत्री ने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ देश की सुरक्षा के लिए एक प्रमुख हिस्सा बन चुका है। उन्होंने कहा, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई में इस कार्यक्रम की अहम भूमिका रही है।