मार्च तक 1,016 करोड़ रुपए का E-Rupee चलन में, सीमापार भुगतान पर भी विचारः RBI Report

punjabkesari.in Thursday, May 29, 2025 - 05:17 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गुरुवार को जारी अपनी वार्षिक रिपोर्ट में बताया कि देश में केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) यानी ई-रुपए का तेजी से विस्तार हो रहा है। मार्च 2025 के अंत तक प्रचलन में ई-रुपए का मूल्य बढ़कर ₹1,016 करोड़ हो गया है, जो एक साल पहले ₹234 करोड़ था।

RBI ने कहा कि सीमापार भुगतान (Cross-border payments) को सरल और तेज़ बनाने के लिए ई-रुपए के पायलट प्रोजेक्ट पर विचार चल रहा है। हालांकि, इसके लिए कोई समयसीमा निर्धारित नहीं की गई है।

खुदरा और थोक दोनों मोर्चों पर बढ़ा दायरा

ई-रुपया-खुदरा पायलट को अब 17 बैंकों और 60 लाख उपयोगकर्ताओं तक विस्तार दे दिया गया है।
ई-रुपया-थोक के लिए चार अतिरिक्त सिंगल प्राइमरी डीलर्स (SPD) को जोड़ा गया है।
चुनिंदा गैर-बैंकिंग इकाइयों को भी ई-रुपये के वॉलेट जारी करने की अनुमति दी गई है।

किस मूल्यवर्ग में कितना ई-रुपया चलन में?

  • ₹500 मूल्यवर्ग: ₹857 करोड़
  • ₹200 मूल्यवर्ग: ₹91 करोड़
  • ₹100 मूल्यवर्ग: ₹38 करोड़

पी2पी और पी2एम लेनदेन में विस्तार

रिपोर्ट के अनुसार, व्यक्ति-से-व्यक्ति (P2P) और व्यक्ति-से-व्यापारी (P2M) लेनदेन के साथ-साथ ऑफलाइन भुगतान को भी ई-रुपए की पायलट योजना में शामिल किया गया है।

सरकारी योजनाओं में भी हो रहा उपयोग

ओडिशा सरकार ने सुभद्रा योजना के तहत 88,000 लाभार्थियों को ई-रुपए में भुगतान किया है।
केंद्र सरकार के कई मंत्रालय और राज्य सरकारें 'प्रोग्रामेबिलिटी' यानी परिभाषित उपयोग के लिए ई-रुपए को अपनाने की प्रक्रिया में हैं। उदाहरण के तौर पर, ईंधन/भोजन भत्ता जैसे नियंत्रित खर्चों के लिए इसका उपयोग बढ़ रहा है।

सीमापार भुगतान और अंतरराष्ट्रीय साझेदारी

RBI ने कहा कि वह द्विपक्षीय और बहुपक्षीय आधार पर सीमापार लेनदेन के लिए ई-रुपए के पायलट की संभावनाएं तलाश रहा है। इसके लिए तकनीकी ढांचा, उपयोग मामलों और अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर काम जारी है। BIS Innovation Hub के तहत बहुपक्षीय परियोजनाओं में भी भागीदारी पर विचार किया जा रहा है।
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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