दिवालिया घोषित होगी वीडियोकॉन, डूबेंगे 90 हजार करोड़ रुपए

punjabkesari.in Saturday, Apr 06, 2019 - 01:27 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः वीडियोकॉन ग्रुप ने खुद को दिवालिया घोषित करने की घोषणा कर दी है। ग्रुप के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत ने कहा है कि उनकी कंपनी पर 90 हजार करोड़ रुपए का बकाया है। पिछले साल कर्ज लौटाने में डिफॉल्ट के बाद एसबीआई ने एनसीएलटी में याचिका दी थी। दिवालिया कानून के नियमों के मुताबिक कंपनी के बोर्ड को निलंबित कर दिया गया है। रोज के कामकाज के लिए रिजोल्यूशन प्रोफेशनल की नियुक्ति की गई है।

54 बैंकों की बैलेंस शीट पर असर
समूह की इस घोषणा के बाद से 54 बैंकों की बैलेंस शीट पर असर पड़ने की संभावना है। समूह की दो कंपनियां वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड (वीआईएल) और वीडियोकॉन टेलीकम्यूनिकेशन लिमिटेड (वीटीएल) कर्ज के बोझ तले दबी हैं।वीआईएल पर 59,451.87 करोड़ रुपए और वीटीएल पर 26,673.81 करोड़ रुपए का कर्ज है। वीआईएल के 54 कर्जदाताओं में से 34 बैंक हैं। इन बैंकों में से वीआईएल पर सबसे ज्यादा बकाया एसबीआई का है। एसबीआई का करीब 11,175.25 करोड़ रुपए बकाया है। वीटीएल पर एसबीआई का करीब 4,605.15 करोड़ रुपए बकाया है।

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बैंक के कर्ज के अलावा 731 सप्लायर्स (ऑपरेशनल क्रेडिटर्स) की राशि भी इन कंपनियों पर बकाया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सप्लायर्स के करीब 3,111 करोड़ 79 लाख 71 हजार 29 रुपए वीआईएल पर बकाया हैं। वहीं वीटीएल पर सप्लायर्स के करीब 1266 करोड़ 99 लाख 78 हजार 507 रुपए बाकी हैं।

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इन बैंकों से लिया है लोन
वीआईएल पर आईडीबीआई बैंक के 9,561.67 करोड़ रुपए, आईसीआईसीआई बैंक के 3,318.08 करोड़ रुपए बकाया हैं। जबकि वीटीएल पर सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के 3,073.16 करोड़ रुपए और 1,439 करोड़ रुपए आईसीआईसीआई के बकाया है। आईसीआईसीआई बैंक के वीआईएल पर 3,318.08 करोड़ और वीटीएल पर 1,439 करोड़ रुपए बकाया हैं। 

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यह है मामला
धूत के खिलाफ दो साल पहले तिरुपति सेरामिक्स के मालिक संजय भंडारी ने मामला दर्ज कराया था। तब भंडारी ने धूत के खिलाफ 30 लाख शेयर बिना बताए बेचने का आरोप लगाया था। यह सभी शेयर पहले भी किसी व्यक्ति को बेचे गए थे। इस ट्रांजेक्शन के बारे में धूत ने कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को भी जानकारी नहीं दी थी। 

ऐसे चला कर्ज और कमीशन का खेल

  • दिसंबर 2008- वेणुगोपाल धूत, दीपक कोचर और उनका भाई राजीव कोचर साझेदारी में न्यूपावर रीन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी स्थापित करते हैं।
  • चंदा कोचर 2009 में आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ बनती हैं।
  • जनवरी 2009- धूत न्यूपावर के अपने 25000 शेयर ढाई लाख रुपए में दीपक कोचर को बेच देते हैं।
  • जून 2009- धूत न्यूपावर से अपना शेयर निकाल कर अपनी कंपनी सुप्रीम एनर्जी में डाल देते है। यानी साझेदारी खत्म।
  • मार्च 2010- धूत की सुप्रीम एनर्जी न्यूपावर को 64 करोड़ रुपए का कर्ज देती है।
  • मार्च 2012- धूत सुप्रीम एनर्जी के सारे शेयर दीपक कोचर के पिनेकल ट्रस्ट को नौ लाख रुपए में बेच देते हैं। यानी कोचर धूत से लिया  64 करोड़ का कर्ज मात्र नौ लाख रुपए में अदा कर देते हैं।
  • अप्रैल 2012- आईसीआईसीआई बैंक वीडियोकॉन समूह की पांच कंपनियों को 3250 करोड़ रुपए का कर्ज देता है।
  • अप्रैल 2012- टैक्स हैवेन माने जाने वाले मारीशस की कंपनी फर्स्टलैंड होल्डिंग्स कोचर की न्यूपावर में 325 करोड़ रुपया डालती है। यानी कर्ज की राशि की दस फीसदी।
  • कर्ज की इस रकम में से 2810 रुपए यानी 86 प्रतिशत राशि आज तक अदा नहीं की गई है। बैंक ने 2017 में इसे एनपीए करार दे बट्टे खाते में डाल दिया।
  • अप्रैल 2012- आईसीआईसीआई बैंक वीडियोकॉन समूह की टैक्स हैवन माने जाने वाले केमैन द्वीप स्थित कंपनी को 660 करोड रुपए का कर्ज देती है।
  • मॉरीशस स्थित डीएच रीन्यूएबल्स कोचर की न्यूपावर में 66 करोड़ रुपया डालती है यानी कर्ज की राशि का दस फीसदी।

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jyoti choudhary

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