अमेरिका के सोने का भंडार हुआ $1 ट्रिलियन के पार, कीमतों में रिकॉर्ड तेजी
punjabkesari.in Tuesday, Sep 30, 2025 - 11:31 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः अमेरिका के खजाने (US Treasury) में रखे सोने के भंडार की कीमत अब $1 ट्रिलियन (करीब 1 लाख करोड़ डॉलर) से अधिक हो गई है। यह आंकड़ा सरकार के बैलेंस शीट में दर्ज मूल्य से 90 गुना अधिक है। इस ऐतिहासिक रिकॉर्ड के पीछे सोने की बढ़ती कीमतें हैं, जो सोमवार को प्रति औंस $3,824.50 तक पहुंच गईं। इस साल सोने की कीमत में कुल 45% की बढ़ोतरी हुई है।
सरकार के आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, 1973 में कांग्रेस द्वारा तय $42.22 प्रति औंस के हिसाब से सोने का मूल्य सिर्फ $11 अरब दर्ज है। यानी बाजार मूल्य और सरकारी मूल्य में भारी अंतर है।
सोने की कीमतों में वृद्धि के कारण
इस साल सोने ने लगातार नए रिकॉर्ड तोड़े हैं। विशेषज्ञों के अनुसार निवेशक व्यापार युद्ध, वैश्विक राजनीतिक तनाव और अमेरिकी सरकार की वित्तीय स्थिति को लेकर असुरक्षा के चलते सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की ओर बढ़ रहे हैं। इसके अलावा, एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (ETFs) में निवेश और फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में कटौती की वापसी ने भी सोने की मांग बढ़ाई है।
सरकारी भंडार और बाजार मूल्य का अंतर
अमेरिका के सोने का भंडार सीधे सरकार के पास रखा जाता है, जबकि अधिकांश देशों में यह केंद्रीय बैंक के पास होता है। फेडरल रिजर्व सोने के प्रमाणपत्र (Gold Certificates) रखता है, जो ट्रेजरी के भंडार के मूल्य के बराबर होते हैं और इसके बदले सरकार को डॉलर का क्रेडिट देता है। विशेषज्ञों के अनुसार यदि सोने के भंडार का मूल्य आज की बाजार कीमत के अनुसार अपडेट किया जाए तो लगभग $990 बिलियन (करीब 99 हजार करोड़ डॉलर) ट्रेजरी में आ सकते हैं।
बजट घाटे पर असर
यह राशि अमेरिका के $1.973 ट्रिलियन के कुल बजट घाटे का लगभग आधा हिस्सा भर सकती है। यह घाटा अगस्त तक के वित्तीय वर्ष का है और इसे केवल 2020 और 2021 में पार किया गया था।
सोने के मूल्यांकन पर बदलाव की संभावना
हालांकि सोने के भंडार का मूल्यांकन बदलना आकर्षक लग सकता है खासकर सरकार के ऋण सीमा (Debt Ceiling) के चलते, लेकिन इससे वित्तीय प्रणाली पर गहरा असर पड़ेगा। इससे बाजार में तरलता बढ़ेगी और फेडरल रिजर्व के बैलेंस-शीट को सामान्य करने की प्रक्रिया लंबी हो जाएगी।
दूसरे देशों के उदाहरण
संयुक्त राज्य अमेरिका अकेला नहीं है। जर्मनी, इटली और दक्षिण अफ्रीका ने पिछले दशकों में अपने सोने के भंडार का मूल्यांकन बाजार मूल्य के अनुसार किया है।