ETFs की जबरदस्त ग्रोथ: 5 साल में AUM में 5 गुना इजाफा, रिटेल निवेशक बन रहे बड़ी ताकत

punjabkesari.in Wednesday, Jul 02, 2025 - 06:15 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः भारत में एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (ETFs) ने पिछले पांच वर्षों में जबरदस्त रफ्तार पकड़ी है। मार्च 2025 तक इनका एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 5 गुना से ज्यादा बढ़कर ₹8.38 लाख करोड़ हो गया है, जो मार्च 2020 में मात्र ₹1.52 लाख करोड़ था। ज़ेरोधा फंड हाउस की रिपोर्ट के अनुसार, ETFs अब कुल म्युचुअल फंड AUM का 13% हिस्सा बन चुके हैं, जबकि 2020 में यह हिस्सा 7% था।

ETF स्कीम्स की संख्या में तीन गुना इजाफा

पिछले पांच वर्षों में न केवल निवेश की राशि बढ़ी है, बल्कि स्कीम्स की संख्या भी लगभग तीन गुना हो चुकी है। 2022 में सिल्वर-समर्थित कमोडिटी ETFs के आगमन ने निवेशकों को और भी अधिक विकल्प दिए हैं।

रिटेल निवेशकों का बढ़ता वर्चस्व

मार्च 2020 में जहां ETFs में रिटेल निवेशकों की AUM सिर्फ ₹5,335 करोड़ थी, वहीं मार्च 2025 तक यह बढ़कर ₹17,800 करोड़ से ज्यादा हो गई। वहीं रिटेल फोलियो की संख्या 23.22 लाख से उछलकर 2.63 करोड़ पर पहुंच गई यानी दस गुना से अधिक की वृद्धि। ज़ेरोधा के सीईओ विशाल जैन का मानना है कि यह रुझान भारतीय ईटीएफ सेक्टर की परिपक्वता का संकेत है।

ट्रेडिंग वॉल्यूम में सात गुना बढ़ोतरी

ETF में ट्रेडिंग भी तेजी से बढ़ी है। वित्त वर्ष 2019-20 में ETF ट्रेडिंग वॉल्यूम ₹51,101 करोड़ था, जो 2024-25 में बढ़कर ₹3.83 लाख करोड़ हो गया—यानी सात गुना से ज्यादा। सिर्फ पिछले एक साल में ही ट्रेडिंग वॉल्यूम दोगुना हुआ है।

इक्विटी ETF बना निवेशकों की पहली पसंद

रिपोर्ट के अनुसार, कुल ETF निवेश का औसतन 80% हिस्सा इक्विटी आधारित ETFs में है, जो दर्शाता है कि शेयर बाजार में हिस्सेदारी के लिए यह उत्पाद तेजी से निवेशकों की पसंद बनता जा रहा है।
 
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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