FY24 में टॉप भारतीय कंपनियों में यौन उत्पीड़न की शिकायतें 40% बढ़ीं, बैंकिंग और टेक कंपनियों में अधिक वृद्धि
punjabkesari.in Wednesday, Aug 21, 2024 - 01:40 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः भारत की टॉप कंपनियों में FY24 के दौरान यौन उत्पीड़न की शिकायतों में 40% की वृद्धि देखी गई है, जो कॉर्पोरेट पारदर्शिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाती है। Complykaro के आंकड़ों के अनुसार, यौन उत्पीड़न की शिकायतों में 40.4% की वृद्धि हुई है, जिसमें पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 268 अधिक मामले दर्ज किए गए हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, BSE 30 कंपनियों ने FY24 में कुल 932 शिकायतें दर्ज कीं, जबकि FY23 में यह संख्या 664 थी। ज्यादातर शिकायतों की वृद्धि बैंकिंग और टेक्नोलॉजी सेक्टर से आई हैं।
POSH जागरूकता से बढ़ी रिपोर्टिंग
POSH समितियों के सदस्य मानते हैं कि महिलाओं में यौन उत्पीड़न रोकथाम (POSH) कानून के प्रति बढ़ती जागरूकता और कंपनियों द्वारा ऐसी घटनाओं की रिपोर्टिंग को प्रोत्साहित करने के प्रयासों के कारण शिकायतों में वृद्धि हुई है।
POSH विशेषज्ञ विशाल केडिया ने कहा, "यह वृद्धि कर्मचारियों के बीच बढ़ती जागरूकता को दर्शाती है, जिससे अधिक महिलाएं सामने आ रही हैं और शिकायतें दर्ज करवा रही हैं।"
POSH सलाहकार फर्म Kelp की CEO स्मिता शेट्टी कपूर ने बताया कि यौन उत्पीड़न के मामले हमेशा से मौजूद थे लेकिन अब महिलाओं और कंपनियों के बीच अधिक जागरूकता के कारण अधिक मामले दर्ज किए जा रहे हैं।
बैंकिंग और टेक कंपनियों में वृद्धि
ज्यादातर शिकायतों की वृद्धि बैंकिंग और प्रौद्योगिकी क्षेत्रों से आई है, जहां युवा कार्यबल और महिलाओं की संख्या अधिक है।
- ICICI बैंक ने FY24 में 133 शिकायतें दर्ज कीं, जबकि FY23 में 43, FY22 में 46 और FY21 में 33 थी।
- TCS ने FY24 में 110 मामले दर्ज किए, जो FY23 में 49, FY22 में 36 और FY21 में 27 थी।
- इन्फोसिस ने FY24 में 98 शिकायतें दर्ज कीं, जबकि FY23 में 78 थीं, FY22 में 25 और FY21 में 16 मामले थे।
- टेक महिंद्रा ने FY24 में 93 मामले दर्ज किए, जो FY23 में 74, FY22 में 45 और FY21 में 30 थे।
- एचडीएफसी बैंक ने FY24 में 77 शिकायतें दर्ज कीं, जो FY23 में 68, FY22 में 51 और FY21 में 47 मामले थे।
- एक्सिस बैंक ने FY24 में 36 मामले दर्ज किए, जबकि FY23 में 34, FY22 में 45 और FY21 में 39 मामले थे।
- टाटा स्टील ने FY24 में 21 मामले दर्ज किए, जो FY23 में 38, FY22 में 22 और FY21 में भी 21 मामले थे।