इस साल RBI के तय लक्ष्य से ज्यादा रही खुदरा महंगाई, 2021 में भी देगी झटका

punjabkesari.in Monday, Dec 21, 2020 - 02:12 PM (IST)

नई दिल्लीः बेमौसम बारिश, आपूर्ति में बाधा, लॉकडाउन और अन्य चिंताओं से इस साल खुदरा महंगाई आरबीआई के तय लक्ष्य से ज्यादा रही और नए साल में भी यह झटका देगी। विशेषज्ञों का कहना है कि चालू वित्त वर्ष में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा महंगाई 6.3 फीसदी के आसपास बनी रहेगी।

विशेषज्ञों का कहना है कि अर्थव्यवस्था में सुधार की रफ्तार धीमी होने के बीच निकट अवधि में खुदरा महंगाई में तेजी रहने का अनुमान है। सालभर खाद्य वस्तुओं की कीमतों में तेजी ने खुदरा महंगाई की दर को ऊपर बनाए रखा। मार्च में 5.91 फीसदी के स्तर को छोड़कर यह सालभर 6.58 से 7.61 फीसदी के दायरे में रही।

वहीं, आपूर्ति शृंखला से जुड़ी परेशानियों के बीच थोक कीमतों पर आधारित महंगाई मई में (-)3.37 फीसदी के निम्नतम स्तर और जनवरी में 3.1 फीसदी के उच्च स्तर पर रही। महामारी और लॉकडाउन के कारण चरमराई देश की अर्थव्यवस्था में फिर से सुधार के शुरुआती संकेत दिखने लगे हैं। हालांकि, 2020 में सरकार ने अप्रैल और मई के खुदरा महंगाई के आंकड़े भी जारी नहीं किए क्योंकि लॉकडाउन की वजह से अधिकारी सर्वेक्षण के लिए क्षेत्र में नहीं पहुंच सके। 
 
आलू, प्याज और टमाटर के लिए ढीली करनी पड़ी जेब
खुदरा महंगाई के उच्च स्तर पर रहने से लोगों को टमाटर, प्याज और आलू की खरीद के लिए जेब ढीली करनी पड़ी। हालांकि, इनकी कीमतों को लेकर चिंतित सरकार ने दो साल पहले ‘ऑपरेशन ग्रीन्स’ पहल की शुरुआत की है। इसका मकसद देशभर में वाजिब दाम पर आलू, प्याज और टमाटर की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करना है।

बेमौसम बारिश के कारण उत्पादन प्रभावित होने और लॉकडाउन में आपूर्ति बाधित होने से भारतीय रसोइयों में इस्तेमाल होने वाली इन तीन प्रमुख सब्जियों की कीमत 60 से 80 रुपए प्रति किलोग्राम के बीच रही। आरबीआई के मुताबिक, खरीफ की बंपर पैदावार से अनाजों की कीमतों में कमी आ सकती है लेकिन सर्दियों की सब्जियों और अन्य खाद्य वस्तुओं के दाम ऊंचे बने रहने का अनुमान है।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

jyoti choudhary

Recommended News

Related News