बैंक ऑफ इंडिया सहित इन 4 सरकारी बैंकों का होगा निजीकरण! सरकार ने किया शॉर्टलिस्ट: रिपोर्ट

punjabkesari.in Tuesday, Feb 16, 2021 - 11:35 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः केंद्र सरकार ने बैंक ऑफ इंडिया समेत उन 4 सरकारी बैंकों को शॉर्टलिस्ट कर लिया है, जिनका प्राइवेटाइजेशन किया जाना है। इनमें बैंक ऑफ महाराष्ट्र, इंडियन ओवरसीज बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ इंडिया का नाम शामिल है। सरकारी बैंकों में हिस्सेदारी बेचकर सरकार राजस्व को बढ़ाना चाहती है ताकि उस पैसे का इस्तेमाल सरकारी योजनाओं पर हो सके। 

PunjabKesari

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी सूत्रों ने कहा कि इन 4 में 2 बैंकों का प्राइवेटाइजेशन अगले वित्त वर्ष यानी 2021-22 में हो सकता है। हालांकि, सरकार ने अभी प्राइवेट होने वाले बैंकों का नाम औपचारिक तौर पर सार्वजनिक नहीं किया है। हालांकि सूत्रों ने यह भी कहा कि बैंकों के प्राइवेटाइजेशन में सरकार बैंक में कर्मचारियों की संख्या, ट्रेड यूनियन का दबाव और इसके राजनीतिक असर का आकलन करने के बाद ही अपना फाइनल डिसीजन लेगी।

PunjabKesari

सरकार बैंकिंग सेक्टर में प्राइवेटाइजेशन के पहले चरण के तहत मिड साइज और छोटे बैंकों में हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रही है। आने वाले सालों में सरकार देश के बड़े बैंकों पर भी दांव लगा सकती है। सूत्रों ने यह भी बताया कि आने वाले सालों में बड़े बैंकों को भी बेचने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। हालांकि, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) में सरकार अपनी बड़ी हिस्सेदारी रखना जारी रखेगी, क्योंकि इसके जरिए देश के ग्रामीण इलाके में कई सरकारी योजनाएं चलाई जाती हैं।

PunjabKesari

प्रक्रिया शुरू होने में लग सकते हैं 5 से 6 माह
रिपोर्ट के मुताबिक सूत्रों ने जानकारी दी कि प्राइवेटाइजेशन की प्रक्रिया 5 से 6 महीने में शुरू होने की उम्मीद है। सरकारी बैंकों का प्राइवेटाइजेशन मोदी सरकार के लिए जोखिम भरा फैसला है, क्योंकि यह लोगों के रोजगार से जुड़ा मामला है। इससे काम करने वाले कर्मचारियों पर भी असर हो सकता है। बैंक प्राइवेटाइजेशन से लोगों की नौकरियां जाने का खतरा है, इस वजह से बैंक यूनियन इसका विरोध कर रहे हैं।

किस बैंक में कितने कर्मचारी
बैंक ऑफ इंडिया (BOI) में 50,000 को करीब कर्मचारी काम करते हैं और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में काम करने वाले लोगों की संख्या 33,000 के करीब है। वहीं, इंडियन ओवरसीज बैंक में 26,000 और बैंक ऑफ महाराष्ट्र में 13,000 कर्मचारी काम करते हैं। इस वजह से उम्मीद है कि सरकार पहले बैंक ऑफ महाराष्ट्र के निजीकरण की प्रक्रिया शुरू कर सकती है, क्योंकि कर्मचारियों की संख्या कम होने से सरकार को कम विरोध झेलना पड़ेगा।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

jyoti choudhary

Recommended News

Related News