इन 3 बैंकों ने ग्राहकों को दिया झटका, बढ़ जाएगी अब आपकी EMI, MCLR में हुआ इजाफा
punjabkesari.in Saturday, Aug 10, 2024 - 01:20 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः देश के तीन बड़े सरकारी बैंकों ने ग्राहकों को तगड़ा झटका दिया है। बैंक ने सभी टेन्योर के लिए मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) में बढ़ोतरी का ऐलान किया है। बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda), केनरा बैंक (Canara Bank) और यूको बैंक (UCO Bank) ने एमसीएलआर में 5 बेसिस प्वाइंट्स का इजाफा किया है।
केनरा बैंक का ऐलान
सार्वजनिक क्षेत्र के केनरा बैंक ने फंड की सीमांत लागत आधारित ब्याज (MCLR) को 0.05 प्रतिशत बढ़ा दिया। यह वृद्धि सभी अवधि के कर्ज के लिए की गयी है। इससे ज्यादातर उपभोक्ता कर्ज महंगे हो जाएंगे। केनरा बैंक ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि एक साल की अवधि वाली एमसीएलआर अब नौ प्रतिशत होगी। वर्तमान में यह 8.95 प्रतिशत है। इसका उपयोग वाहन और व्यक्तिगत जैसे ज्यादातर उपभोक्ता कर्ज पर ब्याज तय करने के लिए किया जाता है।
तीन साल के लिए MCLR 9.40 प्रतिशत होगी जबकि दो साल की अवधि के लिए एमसीएलआर को 0.05 प्रतिशत बढ़ाकर 9.30 प्रतिशत कर दिया गया है। एक महीने, तीन महीने और छह महीने की अवधि के लिए ब्याज 8.35-8.80 प्रतिशत के दायरे में होगा। नई दरें 12 अगस्त, 2024 से प्रभावी होंगी।
बैंक ऑफ बड़ौदा
इसके अलावा बैंक ऑफ बड़ौदा ने 12 अगस्त से कुछ अवधि के लिए एमसीएलआर में बदलाव किया है। यूको बैंक की एसेट लायबिलिटी मैनेजमेंट कमेटी (ALCO) 10 अगस्त से प्रभावी कुछ अवधि के लिए उधार दर में पांच आधार अंक (बीपीएस) की बढ़ोतरी करेगी।
क्या होता है MCLR
एमसीएलआर (MCLR) एक बेंचमार्क ब्याज दर है जिसका इसके मुताबिक सभी बैंक अपने ग्राहकों होम लोन, ऑटो लोन समेत कई लोन देते है। बैंक इस ब्याज दर से कम पर लोन की इजाजत नहीं देते हैं। RBI ने लोन के लिए ब्याज दरें तय करने के लिए 1 अप्रैल 2016 को MCLR लागू किया था।
RBI का फैसला
बीते गुरुवार को आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की मंगलवार को शुरू हुई तीन दिन की बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति पर सतर्क रुख बरकरार रखते हुए रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखा गया है। एमपीसी के छह सदस्यों में से चार ने नीतिगत दर को यथावत रखने के पक्ष में मतदान किया। बता दें कि एमपीसी ने बीते वर्ष फरवरी में नीतिगत दर में संशोधन किया था और इसे बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत किया था।