चार जून को म्यूचुअल फंड प्रणाली में कोई तकनीकी गड़बड़ी नहीं थीः बीएसई
punjabkesari.in Friday, Jun 07, 2024 - 05:39 PM (IST)
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नई दिल्लीः देश के प्रमुख शेयर बाजार बीएसई ने शुक्रवार को कहा कि बैंकों से भुगतान प्राप्त करने में देरी के कारण चार जून को म्यूचुअल फंड खरीदने वाले निवेशकों को एनएवी आवंटित करने में देरी हुई थी और उसकी तरफ से कोई भी तकनीकी गड़बड़ी नहीं हुई थी। कई निवेशकों ने सोशल मीडिया पर शिकायत की थी कि उन्हें चार जून को अपनी ‘पोजिशन' को ‘स्क्वेयर ऑफ' करने में परेशानी का सामना करना पड़ा था।
कई निवेशकों ने कट-ऑफ समय से पहले अपने म्यूचुअल फंड खरीदे थे लेकिन उन्हें जो ‘शुद्ध परिसंपत्ति मूल्य' (एनएवी) सौंपा गया, वह चार जून के बजाय पांच जून के लिए फंड का मूल्य निर्धारित करता है। इसकी वजह से ऐसे निवेशकों को बड़े पैमाने पर वित्तीय नुकसान का सामना करना पड़ा। इस पर बीएसई ने एक बयान में कहा, ‘‘यह स्पष्ट किया जाता है कि चार जून को बीएसई क्लियरिंग हाउस (आईसीसीएल) में कोई तकनीकी गड़बड़ी नहीं हुई थी। पहली नजर में यही लगता है कि कुछ ग्राहकों के लिए भुगतान एग्रीगेटर/ बैंक से क्रेडिट/ भुगतान का विवरण पाने में देरी हुई, जिससे एनएवी आवंटन में देरी हुई।''
कई ब्रोकिंग फर्मों ने चार जून को बीएसई के म्यूचुअल फंड आवंटन प्रणाली में गड़बड़ी का आरोप लगाया था। इस कारण ऑर्डर अगले दिन (पांच जून) को जारी हुए लेकिन उस समय तक इक्विटी बाजारों ने अपने नुकसान की कुछ हद तक भरपाई कर ली थी। लोकसभा चुनाव के नतीजों के दिन चार जून को शेयर बाजार में भारी गिरावट आई थी जिसमें निवेशकों की 31 लाख करोड़ रुपए की संपत्ति डूब गई। भाजपा को अपने दम पर स्पष्ट बहुमत न मिलने से सेंसेक्स 4,390 अंक यानी छह प्रतिशत की गिरावट के साथ 72,079 अंक पर बंद हुआ था। यह चार साल में एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट थी।