सरकार ने तय किया फार्मूला, Stent 70 प्रतिशत होगा सस्ता

punjabkesari.in Friday, Jan 20, 2017 - 12:53 PM (IST)

नई दिल्लीः एंजियोप्लास्टी के लिए जरूरी मैडीकल डिवाइस स्टैंट की कीमतें 70 प्रतिशत तक कम हो सकती हैं। एन.पी.पी.ए. ने स्टैंट की सीलिंग प्राइस के लिए वही फार्मूला तय किया है जिसके तहत जरूरी दवाओं की लिस्ट में आने वाली ड्रग्स की कीमतें तय होती हैं। मल्टीनैशनल कंपनियों के प्रोपोजल को भी ठुकरा दिया गया है जिसमें ड्रग एल्यूटिंग स्टैंट के लिए डिफ्रैंशियल प्राइस की मांग की जा रही थी। नए फार्मूले के तहत स्टैंट की मैक्सिमम प्राइस 67,000 रुपए होगी। अभी सबसे महंगे स्टैंट की कीमत 1.85 से 2.25 लाख रुपए है।

मल्टीनैशनल कंपनियों को झटका, डोमैस्टिक को फायदा
मल्टीनैशनल कंपनियों की ड्रग एल्यूटिंग स्टैंट के लिए डिफ्रैंशियल प्राइस की मांग एन.पी.पी.ए. ने नहीं मानी है। एन.पी.पी.ए. ने कहा कि कंपनियों को अपने स्टैंट की सुपीरियारिटी तय करनी है तो वे क्लीनिकल डाटा जमा करवाएं। उन्होंने बताया कि फरवरी में स्टैंट की नई कीमतें जारी हो सकती हैं। हॉस्पिटल मार्जिन 16 से बढ़ाकर 40 प्रतिशत तक करने की मांग हो रही है। हालांकि डोमैस्टिक मैन्युफैक्चरर्ज का मानना है कि 16 प्रतिशत अस्पतालों का मार्जिन कम है, यह 40 प्रतिशत तक होना चाहिए।

वहीं एन.पी.पी.ए. के साथ इस मसले पर मीटिंग में शामिल एसोसिएशन ऑफ इंडियन मैडीकल डिवाइस इंडस्ट्री फोरम के को-ऑर्डीनेटर राजीव नाथ ने बताया कि सरकार का यह फैसला डोमैस्टिक इंडस्ट्री के हित में है। उन्होंने कहा कि स्टैंट को अगर प्राइस कंट्रोल के दायरे में लाया जाता है तो इससे डोमैस्टिक मैन्युफैक्चरर्ज को फायदा होगा। अभी स्टैंट बनाने वाली डोमैस्टिक कंपनियों का मार्कीट शेयर इंडिया में 40 प्रतिशत है लेकिन यह फैसला लागू होने के बाद 1 से 2 साल में यह बढ़कर 60 से 70 प्रतिशत तक हो जाएगा। अभी 60 प्रतिशत स्टैंट विदेशी कंपनियों से इंपोर्ट किया जाता है।


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