TCS को अमेरिकी अदालत से लगा झटका! चुकाने होंगे ₹1,600 करोड़
punjabkesari.in Monday, Nov 24, 2025 - 04:04 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) को अमेरिका की कोर्ट ऑफ अपील्स (फिफ्थ सर्किट) में बड़ा नुकसान झेलना पड़ा है। ट्रेड सीक्रेट विवाद में कोर्ट ने कंप्यूटर साइंसेज कॉरपोरेशन (CSC) जो अब DXC टेक्नोलॉजी का हिस्सा है के पक्ष में फैसला सुनाते हुए 194.2 मिलियन डॉलर (करीब ₹1,600 करोड़) का हर्जाना बरकरार रखा है। कंपनी ने 21 नवंबर 2025 को स्टॉक एक्सचेंज को इस फैसले की जानकारी दी।
कोर्ट ने हर्जाना बरकरार रखा लेकिन स्थायी रोक हटाई
अदालत ने ज्यूरी द्वारा तय किए गए पूरे डैमेज अवॉर्ड को सही ठहराया है यानी TCS को भारी-भरकम हर्जाना देना ही पड़ेगा। हालांकि, TCS के लिए एक राहत यह रही कि अदालत ने पहले लगाया गया परमानेंट इंजंक्शन (स्थायी रोक) हटा दिया है। अब कंपनी CSC से जुड़े पुराने डेटा और मटेरियल का उपयोग कर सकती है।
इसके साथ ही पूरा मामला आगे की समीक्षा के लिए टेक्सास की नॉर्दर्न डिस्ट्रिक्ट कोर्ट को वापस भेज दिया गया है। इसका मतलब है कि हर्जाने की राशि तो चुकानी होगी लेकिन आगे इस पर कुछ संशोधन संभव है।
मामला क्या है?
विवाद की शुरुआत 2019 में हुई थी जब CSC ने आरोप लगाया कि TCS ने उसके इंश्योरेंस सॉफ्टवेयर से जुड़े ट्रेड सीक्रेट चुराए और उनका उपयोग अपने प्लेटफॉर्म के विकास में किया। CSC का दावा था कि ट्रांसअमेरिका के आउटसोर्सिंग प्रोजेक्ट के दौरान उसके कई कर्मचारी TCS में चले गए और इसी रास्ते गोपनीय तकनीकी जानकारी TCS तक पहुंच गई।
CSC के मुताबिक, TCS ने उसी आधार पर अपना नया इंश्योरेंस प्लेटफॉर्म बनाया, जो बाजार में CSC के साथ सीधे प्रतिस्पर्धा करता है।
TCS की प्रतिक्रिया
TCS ने कहा है कि कंपनी हार नहीं मानेगी और आगे भी अदालत में अपना पक्ष मजबूती से रखेगी।
कंपनी ने संकेत दिया कि वह दोबारा अपील और रिव्यू की तैयारी कर रही है। साथ ही TCS ने स्पष्ट किया कि वह संभावित हर्जाने के लिए पहले से ही अकाउंटिंग प्रोविजन संभालकर चल रही है।
