ताइवान ने अलीबाबा को ई-वाणिज्य कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बेचने को कहा

punjabkesari.in Monday, Aug 24, 2020 - 05:41 PM (IST)

ताइपेः ताइवान ने चीन के अलीबाबा समूह से स्थानीय ई-वाणिज्य इकाई ताओबाओ ताइवान में अपनी हिस्सेदारी बेचने को कहा है। ताइवान ने आशंका जताते हुए यह आदेश दिया है कि उपयोगकर्ताओं की व्यक्तिगत जानकारी चीन को हस्तातंरित की जा सकती है। ताइवान ने यह आदेश ऐसे समय दिया है, जब चीनी कंपनियों पर अमेरिका और भारत समेत कई देशों में सुरक्षा संबंधी चिंताओं के कारण प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं। 

ताइवान और चीन गृहयुद्ध के बाद 1949 में अलग हुए। उनके बीच काई आधिकारिक संबंध नहीं है लेकिन व्यापार और निवेश रिश्तों को बढ़ाने के प्रयास जारी हैं। ताइवान सुरक्षा नजरिए से चीनी निवेश पर नजर रखता है और उन चीजों से बचता है, जिससे उसके मजबूत पड़ोसी देश की स्थिति सुरक्षा दृष्टिकोण से और मजबूत हो। आर्थिक मामलों के मंत्रालय ने कहा कि ताओबाओ ताइवान का परिचालन ब्रिटिश कंपनी कर रही है, लेकिन अली बाबा समूह के पास कंपनी में हिस्सेदारी है जिससे उसे उपभोक्ताओं से जुड़े मंच के नियंत्रण की अनुमति है। यह ताइवान के नियम का उल्लंघन है। 

अलीबाबा समूह का मुख्यालय शंघाई के दक्षिण पश्चिम में स्थित हानझोऊ में है। यह कुल बिक्री मात्रा के हिसाब से दुनिया की सबसे बड़ी ई-वाणिज्य कंपनी है। मत्रालय के अनुसार ताओबाओ ताइवान के साथ हुए समझौते के तहत अलीबाबा समूह के चीन स्थित सर्वर पर सदस्यों के लेन-देन के आंकड़े जाते हैं। उसने कहा कि कि इससे सुरक्षा को खतरा हो सकता है। अलीबाबा के पास ब्रिटिश क्लॉडाग वेंचर इनवेस्टमेंट लि. में 29 प्रतिशत हिस्सेदारी है जो कानूनी सीमा 30 प्रतिशत से कम है। 

मंत्रालय के अनुसार लेकिन शेयरधारकों का जो ढांचा है, उसमें अली बाबा के पास वीटो निर्णय के जरिये ब्रिटिश उद्यम पर नियंत्रण रखने की अनुमति मिल जाती है। आदेश में अलीबाबा को छह महीने के भीतर अपनी हिस्सेदारी बेचने को कहा गया है। इस बारे में फिलहाल अलीबाबा समूह की तरफ से कोई टिप्पणी नहीं मिल पाई है। ताइवान उन देशों में शामिल है जिसने चीन की प्रौद्योगिकी कंपनी हुवावेई टेक्नोलॉजीज लि. के दूरसंचार उपकरणों के उपयोग पर पाबंदी लगाई है। 
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

jyoti choudhary

Recommended News

Related News