मार्च तक NBFC-MFI की दबाव वाली संपत्तियां घटकर 14% पर: क्रिसिल

punjabkesari.in Monday, May 30, 2022 - 06:11 PM (IST)

मुंबईः अर्थव्यवस्था में सुधार और कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप के सीमित प्रभाव के कारण गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों-सूक्ष्म वित्त संस्थानों (एनबीएफसी-एमएफआई) की दबाव वाली संपत्तियों में कमी आई है। मार्च, 2022 तक एनबीएफसी-एमएफआई की दबाव वाली संपत्तियां घटकर करीब 14 प्रतिशत रह गईं हैं, जो सितंबर, 2021 के अंत तक 22 प्रतिशत के करीब थीं। एक रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है। 

रेटिंग एजेंसी क्रिसिल रेटिंग्स की सोमवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि एनबीएफसी-एमएफआई की 30 प्लस पोर्टफोलियो एट रिस्क (पीएआर) में शामिल दबाव वाली संपत्तियां और कर्ज पुनर्गठन कोविड-पूर्व स्तर से ऊपर तीन प्रतिशत पर बना हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘एनबीएफसी-एमएफआई की दबाव वाली संपत्तियों परिसंपत्तियां में आठ प्रतिशत की बड़ी गिरावट आई है और मार्च, 2022 तक यह करीब 14 फीसदी रहीं, यह सितंबर 2021 में करीब 22 प्रतिशत तक पहुंच गई थीं।'' 

दबाव वाली संपत्तियों में कमी बेहतर एवं संग्रहण में सुधार से पता चलता है कि एनबीएफसी-एमएफआई की संपत्ति की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। इसे आर्थिक पुनरुद्धार से बल मिला है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि एनबीएफसी-एमएफआई के जुलाई, 2021 के बाद वितरित ऋण का प्रदर्शन भी स्थिर है और 30 प्लस पीएआर महज एक से दो प्रतिशत है। वहीं मासिक संग्रहण भी बढ़िया बना हुआ है जो बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही मे औसत 97 से 100 प्रतिशत था। 

एजेंसी के वरिष्ठ निदेशक एवं रेटिंग्स के उप- प्रमुख अधिकारी कृष्णन सीतारमण ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कोविड-19 की दूसरी लहर के मद्देनजर समाधान प्रारूप 2.0 घोषित किया था जिसके तहत सूक्ष्मवित्त क्षेत्र ने अपने करीब 10 प्रतिशत ऋण का पुनर्गठन किया था। पहली लहर के समय यह महज एक से दो प्रतिशत था। 


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Content Writer

jyoti choudhary

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