Whatsapp पर लीक हुआ कंपनियों का डाटा: SEBI

punjabkesari.in Thursday, Dec 28, 2017 - 05:16 PM (IST)

नई दिल्ली: आज हुई सेबी की अहम बोर्ड बैठक में युनिवर्सल एक्सचेंज बनाने को मंजूरी दे दी है जिसपर शेयर और कमोडिटी की ट्रेडिंग एक साथ होगी लेकिन डिफॉल्ट डिसक्लोजर नियम का मामला टल गया है। सेबी अक्टूबर 2018 से युनिवर्सल एक्सचेंज के लिए मंजूरी दे सकती है। इस बैठक में शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड से जुड़े बड़े फैसले हुए हैं।

एफपीआई रजिस्ट्रेशन के नियम होंगे आसान
माना जा रहा है कि सेबी की बोर्ड मीटिंग में भारत के साथ डिप्लोमैटिक समझौते वाले देशों में रजिस्ट्रेशन के नियम आसान बनाने पर विचार हुआ। इसके अलावा उम्मीद है कि रेग्युलेटर एफपीआई के लिए 'फिट एंड प्रॉपर' के क्राइटीरिया को दुरुस्त करने के साथ ही उनके लिए शर्तों को भी सरल बना सकता है। इस पहल का उद्देश्य एफपीआई के लिए डायरेक्ट रजिस्ट्रेशन आसान बनाना और पार्टिसिपेट्री नोट्स (पी-नोट्स) से बचना है।

ARC की सिक्युरिटी रिसीट्स की लिस्टिंग को मिल सकती है मंजूरी
इसके अलावा सेबी एक्सचेंज प्लेटफॉर्म पर एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी (एआरसी) द्वारा जारी की गईं सिक्युरिटी रिसीट्स की लिस्टिंग की अनुमति दे सकता है। मार्केट की भाषा में सिक्युरिटी रिसीट का मतलब किसी सिक्युरिटाइजेशन कंपनी या रिकंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा जारी रिसीट या अन्य सिक्युरिटी है। इससे सिक्युरिटाइजेशन इंडस्ट्री में पूंजी का प्रवाह बढ़ेगा और विशेष रूप से बैंक की नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स के मामले में मदद मिलेगी।

कनाडा जैसे देशों के इन्वेस्टर्स को मिलेगा सीधे निवेश का मौका
सेबी की बोर्ड मीटिंग में रखे जाने वाले नए प्रपोजल्स के मुताबिक एफपीआई नियमों में बदलाव से कनाडा जैसे अन्य देशों के इन्वेस्टर्स को सीधे भारत में निवेश का मौका मिलेगा। कैटेगरी 1 और 2 के एफपीआई जो निश्चित रूप से सरकारी और रेग्युलेटेड एंटिटीज हैं, के लिए अतिरिक्त डाक्यूमेंटेशन और प्रोसिजरल जरूरतें नहीं होनी चाहिए। हालांकि कैटेगरी 3 के एफपीआई भी ऐसी शर्तों से जुड़े हुए हैं।

MF में लग सकती है 10% की क्रॉस-शेयरहोल्डिंग कैप
सूत्रों के मुताबिक सेबी हितों के टकराव की आशंकाओं के मद्देनजर म्युचुअल फंड्स में 10 फीसदी क्रॉस-शेयरहोल्डिंग कैप लगा सकता है। माना जा रहा है कि इस कदम का असर यूटीआई एसेट मैनेजमेंट कंपनी (एएमसी) के शेयरहोल्डिंग पैटर्न पर असर पड़ सकता है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई), पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी), बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) और लाइफ इन्श्योरेंस कॉर्पोरेशन (एलआईसी) के अपने म्युचुअल फंड हैं और हरेक की यूटीआईएमएसी में 18.24 फीसदी हिस्सेदारी है। 


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