Ratan Tata के जीवन से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें, जिन्हें आप नहीं जानते होंगे

punjabkesari.in Thursday, Oct 10, 2024 - 11:23 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः भारत के सबसे सम्मानित उद्योगतियों में से एक रतन टाटा (ratan tata) का बुधवार शाम को मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 86 वर्ष के थे। टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा न केवल व्यापार जगत में अपने योगदान के लिए जाने जाते थे, बल्कि अपने परोपकार के लिए भी जाने जाते थे। कैंसर की इलाज के लिए उनके नेतृत्व में बनाए गए अस्पताल में प्रत्येक दिन हजारों लोगों के इलाज होते हैं।

  • 28 दिसंबर, 1937 को रतन टाटा का जन्म हुआ था। वो नवल टाटा के सबसे बड़े बेटे थे। उनकी शिक्षा भारत के कुछ बेहतरीन स्कूलों में हुई और उन्होंने न्यूयॉर्क में आइवी लीग संस्थान कॉर्नेल से वास्तुकला में डिग्री हासिल की।
  • जब रतन टाटा 10 साल के थे, उनके माता-पिता का तलाक हो गया, जिसके बाद उनकी परवरिश उनकी दादी, नवाजबाई टाटा ने की। वह एक शानदार शख्सियत थीं और जिन्होंने उन्हें नैतिक मूल्य दिए। अपने करियर की शुरुआत टेल्को (अब टाटा मोटर्स) से की, जहां उन्होंने ब्लास्ट फर्नेस में चूना पत्थर खोदने जैसे काम भी किए।
  • साल 1991 में रतन टाटा ने जेआरडी टाटा की जगह टाटा संस के अध्यक्ष का पद संभाला। उन्होंने यह भूमिका 1991 से 2012 तक निभाई, जब उन्होंने पहली बार सेवानिवृत्ति ली और 2016-2017 में अंतरिम अध्यक्ष के रूप में वापस आए, जब साइरस मिस्त्री को हटाया गया था।
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  • रतन टाटा को भारत सरकार द्वारा 2000 में पद्म भूषण और 2008 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। इसके अलावा उन्हें सिंगापुर, इटली, फ्रांस, जापान और ऑस्ट्रेलिया की सरकारों द्वारा भी सम्मानित किया गया। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने उन्हें ब्रिटिश साम्राज्य का मानद नाइट भी बनाया।
  • रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा समूह ने जगुआर लैंड रोवर, रिट्ज कार्लटन होटल्स और इतालवी एयरोस्पेस कंपनी पियाजियो जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों का अधिग्रहण किया। उनके कार्यकाल के दौरान टाटा समूह के मुनाफे में 50 गुना और राजस्व में 40 गुना वृद्धि हुई।
  • टाटा ट्रस्ट्स के जरिये रतन टाटा ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में अनगिनत योगदान दिए हैं। हाल ही में, 86 साल की उम्र में उन्होंने छोटे जानवरों के लिए 165 करोड़ रुपए की लागत से अत्याधुनिक अस्पताल खोला। 
  • रतन टाटा के नेतृत्व में कैंसर अस्पताल और शैक्षणिक संस्थानों को अरबों डॉलर का अनुदान दिया गया, जिसमें सैन डिएगो विश्वविद्यालय को 70 मिलियन डॉलर और उनके अल्मा मेटर कॉर्नेल को 50 मिलियन डॉलर शामिल हैं। रतन टाटा की सादगी और मानवता की सराहना पूरे विश्व में की जाती है। 
     

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Content Writer

jyoti choudhary

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