न्यू ईयर ईव पर झटका! Online ऑर्डर करने से पहले पढ़ें ये खबर

punjabkesari.in Wednesday, Dec 31, 2025 - 10:56 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः अगर आप साल 2025 को विदा करने और 2026 के स्वागत की तैयारी में यह सोच रहे हैं कि पार्टी का सामान, खाना या ड्रिंक्स आखिरी वक्त पर क्विक कॉमर्स या फूड डिलीवरी ऐप्स से मंगा लेंगे, तो यह भारी भूल साबित हो सकती है। न्यू ईयर ईव पर डिलीवरी वर्कर्स यूनियनों ने हड़ताल का ऐलान किया है, जिससे शाम के बाद सेवाएं प्रभावित होने की आशंका है।

यह हड़ताल वेतन में पारदर्शिता की कमी, बिना सूचना वर्कर आईडी ब्लॉक किए जाने और विवादित ‘10-मिनट डिलीवरी मॉडल’ के विरोध में बुलाई गई है। बुधवार दोपहर बाद डिलीवरी पार्टनर्स के हड़ताल पर जाने की संभावना है, हालांकि अभी स्थिति सामान्य बनी हुई है।

1.5 लाख वर्कर्स के हड़ताल में शामिल होने की उम्मीद

हड़ताल का आह्वान तेलंगाना की तेलंगाना गिग एंड प्लेटफॉर्म वर्कर्स यूनियन (TGPWU) और कर्नाटक की इंडियन फेडरेशन ऑफ ऐप-बेस्ड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स यूनियन (IFAT) ने किया है, जिसे दिल्ली की GiG Workers Association (GiGWA) का समर्थन मिला है। TGPWU के अध्यक्ष शेख सलाहुद्दीन के मुताबिक, करीब 1.5 लाख डिलीवरी वर्कर्स इस हड़ताल में शामिल हो सकते हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, देश में गिग वर्कर्स की संख्या 1 करोड़ से अधिक है।

‘10-मिनट डिलीवरी’ से जान जोखिम में

डिलीवरी पार्टनर्स का आरोप है कि 10-मिनट डिलीवरी के दबाव में उनकी जान जोखिम में डाली जा रही है। ईस्ट ऑफ कैलाश में काम करने वाले एक एजेंट के मुताबिक, डिलीवरी में कुछ सेकंड की देरी पर भी पूरे दिन का इंसेंटिव काट लिया जाता है। मजबूरी में रेड लाइट जंप करनी पड़ती है और कोहरे में तेज रफ्तार से बाइक चलानी पड़ती है।

वर्कर्स का कहना है कि पहले जहां पिक-अप और डिलीवरी की सीमा 2 किलोमीटर थी, अब उसे बढ़ाकर 5 किलोमीटर कर दिया गया है, लेकिन भुगतान घटा दिया गया है।

13-15 घंटे की मेहनत, हाथ में सिर्फ 300-400 रुपए

गुरुग्राम के एक डिलीवरी एजेंट के मुताबिक, पहले 25 डिलीवरी पर मिलने वाला इंसेंटिव अब 34 डिलीवरी पूरी करने पर मिलता है। 13-15 घंटे की कड़ी मेहनत के बाद पेट्रोल और बाइक के खर्च निकालने पर हाथ में महज 300-400 रुपए ही बचते हैं।

रेस्टोरेंट्स और ग्राहकों के लिए अलर्ट

नेशनल रेस्टोरेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के उपाध्यक्ष प्रणव रुंगटा ने कहा कि संगठन जोमैटो और स्विगी के संपर्क में है और औपचारिक सूचना का इंतजार किया जा रहा है। 25 दिसंबर को NCR, खासकर गुरुग्राम में, हड़ताल का बड़ा असर देखने को मिला था। रेस्टोरेंट मालिकों की चिंता है कि अगर डिलीवरी पार्टनर्स उपलब्ध नहीं हुए तो तैयार खाना बर्बाद होगा और ग्राहकों को भारी असुविधा झेलनी पड़ेगी।

इस बार डिलीवरी वर्कर्स ने सबसे ज्यादा असर डालने वाली तारीख—31 दिसंबर—को चुना है, जिससे न्यू ईयर सेलिब्रेशन पर असर पड़ना तय माना जा रहा है।
  


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Content Writer

jyoti choudhary

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