SEBI ने सख्त किए नियम, कंपनियां रखे इनका ख्याल

punjabkesari.in Saturday, Aug 05, 2017 - 02:26 PM (IST)

नई दिल्लीः मार्कीट रेग्युलेटर सेबी ने लिस्टेड कंपनियों के लिए डिसक्लोजर नॉर्म्स और कड़े कर दिए हैं। सेबी ने एक सर्कुलर के जरिए कहा कि लोन डिफॉल्ट पर लिस्टेड कंपनियों को एक वर्किंग डे के अंदर इस बात की सूचना सार्वजनिक तौर पर देनी होगी। सेेेबी का यह नियम 1 अक्टूबर 2017 से प्रभावी हो जाएगा। बता दें कि इंडियन बैंकिंग सेक्टर के लिए एनपीए यानी बैड लोन बड़ी मुसीबत है, जिसे कम करने के लिए सरीकार कई तरह के कदम उठा रही है।

सेबी के सर्कुलर में कहा गया है कि बैंकों का भारी लोन कॉरपोरेट जगत पर है। कई ऐसे मामले हैं कि लोन का रीपेमेंट समय से नहीं हो पा रहा है, जिससे एनपीए बैंकों के लिए बड़ी मुसीबत बन चुका है। कई कंपनियां इस मामले में डिफाल्टर घोषित की जा चुकी हैं। कुछ कंपनियों को लेकर बैंकरप्सी कोड के तहत कानूनी प्रक्रिया भी शुरू की जा चुकी है।

अगर कंपनियां लोन का रीपेमेंट नहीं कर पा रही हैं तो उन्हें अपने निवेशकों को डिफाल्ट की डेट की जानकारी देनी होगी। वहीं, कंपनियों को स्टॉक एक्सचेंज को भी डिफाल्ट की डेट, कर्ज देने वाले बैंक या फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन, डिफाल्ट अमाउंट और ग्रॉस प्रिंसिपल अमाउंट के बारे में सूचना देनी होगी।  निवेशकों को इस बात की जानकारी होनी जरूरी है, जो अभी तक नहीं रहती है। आरबीआई बैड लोन की रिकवरी के लिए एक टाइमलाइन पहले ही तय कर चुकी है। आरबीआई का बैंकों को यह भी ऑर्डर है कि टाइमलाइन में एनपीए एक्शन प्लान पर काम नहीं किया गया तो उन पर मॉनेटरी पेनल्टी लगाई जाएगी। 


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