SBI के चेयरमैन ने कहा, जोखिम उठाने से नहीं बच रहे हैं बैंक, बरत रहे सतर्कता

punjabkesari.in Tuesday, Sep 22, 2020 - 11:15 AM (IST)

नई दिल्लीः भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा कि बैंक जोखिम उठाने से बच नहीं रहे हैं लेकिन ऐसे संकट के समय में सजग हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस समय ऋण की मांग ठहरी हुई है। उन्होंने कहा कि बैंक नहीं चाहते कि 2008 के बाद जैसी स्थिति की पुनरावृत्ति हो जब ऋण के लिए ग्राहकों से ब्योरा लेने के मानकों को ‘हलका' किया गया था। देश के सबसे बड़े बैंक के प्रमुख ने कहा कि आंकड़ों से स्पष्ट पता चलता है कि अर्थव्यवस्था में निवेश नीचे आया है। 

अखिल भारतीय प्रबंधन संघ (एआईएमए) द्वारा सोमवार को आयोजित एक वर्चुअल कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुमार ने कहा, ‘‘यदि पूंजीगत खर्च नहीं हो रहा है और अर्थव्यवस्था में उसी रफ्तार से निवेश नहीं आ रहा है, तो निश्चित रूप से यह मांग का मामला है। जोखिम से बचने की स्थिति तब होगी जब मांग हो और बैंक कर्ज नहीं दे रहे हों।'' 

रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों के अनुसार जुलाई में सालाना आधर पर गैर-खाद्य बैंक ऋण 6.7 प्रतिशत बढ़ा। पिछले साल समान महीने में इसमें 11.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। जुलाई में बैंक ऋण 91.48 लाख करोड़ रुपए पर था। कुमार ने कहा कि बैंकों को कर्ज देने लिए प्रवर्तकों की ओर से इक्विटी की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि निवेश करने की क्षमता वाले लोगों या कंपनियों की संख्या में कमी आई है। उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थतियों में जरूरत इस बात की है कि ऐसी कंपनियां या उद्यमी सामने आएं जिनमें निवेश करने और कर्ज लेने की क्षमता हो। 

कुमार ने कहा, ‘‘2008 के बाद बैंकों ने काफी धन की आपूर्ति की थी। उस समय कर्ज देने के मानदंडों को ‘हलका' किया गया था। बैंकिंग प्रणाली और देश को उसकी ऊंची कीमत चुकानी पड़ी।'' यह पूछे जाने पर कि क्या ब्याज दरों में और कटौती से वृद्धि को प्रोत्साहन मिलेगा, एसबीआई प्रमुख ने कहा कि अभी तक जो कटौती हुई है उससे निवेश बढ़ाने में मदद नहीं मिली है। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

jyoti choudhary

Recommended News

Related News