होर्मुज जलडमरूमध्य बंद हुआ तो भारत की अर्थव्यवस्था को लगेगा बड़ा झटका, दांव पर 3.55 लाख करोड़ का व्यापार

punjabkesari.in Monday, Jun 23, 2025 - 10:47 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर हवाई हमले के बाद पश्चिम एशिया में तनाव चरम पर है। ईरान ने अब होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने की चेतावनी दी है। इस संभावित कदम का वैश्विक व्यापार और विशेष रूप से भारत की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ सकता है।

भारत के लिए व्यापारिक जोखिम

भारत का ईरान, इराक, इज़राइल, जॉर्डन, लेबनान, सीरिया और यमन के साथ सालाना $41.8 अरब (₹3.55 लाख करोड़) का व्यापार होता है। यदि युद्ध लंबा खिंचता है और टकराव गहराता है, तो समुद्री मार्गों, बंदरगाहों या भुगतान प्रणालियों में रुकावट से यह व्यापार बुरी तरह प्रभावित हो सकता है।

विशेषज्ञों का मानना है कि इससे माल भाड़ा, शिपिंग बीमा और आपूर्ति श्रृंखला की लागत में भारी वृद्धि हो सकती है। भारत जैसे आयात-निर्भर देश के लिए यह स्थिति चुनौतीपूर्ण हो सकती है।

होर्मुज जलडमरूमध्य और रेड सी का महत्व

  • भारत का दो-तिहाई कच्चा तेल और आधा एलएनजी आयात होर्मुज जलडमरूमध्य से होता है।
  • वहीं, रेड सी के बाब-एल-मंडेब मार्ग से भारत का लगभग 30% निर्यात यूरोप, उत्तरी अफ्रीका और अमेरिका के पूर्वी तट तक जाता है।

यदि इन मार्गों पर बाधा आती है, तो इसका असर भारत के वैश्विक व्यापार, ऊर्जा आपूर्ति और आर्थिक स्थिरता पर स्पष्ट रूप से दिखेगा।

कच्चे तेल की कीमतें और महंगाई पर असर

युद्ध के कारण कच्चे तेल की कीमतों में लगातार उछाल देखने को मिल रहा है। एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज के अनुसार, हर $10 प्रति बैरल की बढ़ोतरी से भारत की सीपीआई (CPI) महंगाई में 35 बेसिस पॉइंट का इजाफा हो सकता है।

इस स्थिति से निपटने के लिए भारत सरकार वैकल्पिक रणनीतियों पर विचार कर रही है। इनमें यूरोप-अमेरिका के लिए पूर्वी समुद्री मार्गों का उपयोग और रूस से सस्ता तेल खरीदने जैसे उपाय शामिल हैं।

भारत की रणनीतिक स्थिति

भारत की ईरान से ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आर्थिक साझेदारी रही है। इसके अलावा चाबहार बंदरगाह भारत के लिए अफगानिस्तान और मध्य एशिया तक पहुंच का एक रणनीतिक जरिया है। भारत का इज़राइल, अमेरिका और खाड़ी देशों के साथ भी गहरा सहयोग है लेकिन ये सभी इस युद्ध में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं।

ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के अजय श्रीवास्तव के अनुसार, यदि होर्मुज जलडमरूमध्य लंबे समय तक बंद रहता है, तो यह न केवल भारत बल्कि पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए एक सैन्य और आर्थिक संकट बन सकता है। 
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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