15,000 करोड़ की अघोषित सम्पत्ति का पर्दाफाश

punjabkesari.in Saturday, Oct 01, 2016 - 12:27 PM (IST)

मुंबईः सरकार की इनकम डिकलेयरेशन स्कीम (आई.डी.एस.) के तहत आमदन कर विभाग ने 6,750 करोड़ रुपए एकत्रित किए हैं जबकि 28 सितंबर तक 15,000 करोड़ रुपए तक की अघोषित सम्पत्ति का पर्दाफाश किया गया है। सरकार ने 1 जून को यह स्कीम जारी की थी जिसके तहत 45 प्रतिशत कर जुर्माना और सैस हासिल किया। 

कर विभाग को उम्मीद थी कि यह राजस्व 25 से 30,000 करोड़ रुपए के बीच पहुंच जाएगा। घरेलू काला धन डिपॉजिटों का खुलासा करने के लिए 4 महीनों की विंडो आज बंद हो गई। स्कीम का लक्ष्य 1 लाख करोड़ रुपए के काले धन के ऐलान पर 40-50 हजार करोड़ रुपए एकत्रित करने का था। बुधवार को मुम्बई के 18 आमदन कर सर्कल शिखर पर थे जहां 6-7 हजार करोड़ रुपए की रेंज में खुलासे हुए थे। नई दिल्ली और गुजरात सर्कल क्रमश: दूसरी और तीसरी पॉजीशन पर रहे।

एक टैक्स विशेषज्ञ ने अपनी पहचान गुप्त रखने की शर्त पर कहा कि यह आंकड़े उम्मीद की अपेक्षा कम थे। खास कर जब आई.डी.एस. की तुलना पहली आम माफी स्कीम (1997) के साथ की जा रही है। जहां सरकार ने 33,000 करोड़ रुपए के काले धन का खुलासा किया था और 30 प्रतिशत कर के साथ करीब 10,000 करोड़ रुपए एकत्रित कर लिए थे तब कोई जुर्माना भी नहीं किया गया था।

बताया जाता है कि आमदन कर विभाग ने लगभग 1,00,000 ऐसे व्यक्तियों की पहचान की है जिनके बारे में संभावना है कि वे कर चोरी करते हैं। इनमें छोटे व्यापारी, ज्यूलर्ज, रिटेलर्ज और फड़ी विक्रेता भी शामिल हैं। अधिकारी ने कहा कि उन्होंने करदाताओं को भरोसा दिया है कि उनकी तरफ  से दी गई हर सूचना को गुप्त रखा जाएगा और वह किसी भी कानून अधीन किसी मुकद्दमे का सामना नहीं करेंगे। फिर भी समझा जाता है कि विभाग इस स्कीम की कामयाबी के लिए दिन-रात काम कर रहा है। 
टैक्स विभाग के सूत्रों का कहना है कि वह करदाताओं की हर जांच की सुनवाई कर रहे हैं और उनको इस बात के लिए उत्साहित कर रहे हैं कि वे अपनी अघोषित सम्पत्ति का ऐलान करें। अधिकारी ने कहा, ‘‘हम बहुत से सूत्रों से आंकड़ों के आधार पर सर्वे कर रहे हैं। आई.डी.एस. के अंतर्गत जो अपने काले धन की घोषणा करने में असफल रहे उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।


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