अचानक रुपया हुआ धड़ाम, अब तक के सबसे निचले स्तर पर
punjabkesari.in Thursday, Jun 20, 2024 - 04:13 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः अमरीकी डॉलर के सामने भारतीय रुपए में तेज गिरावट आई। एक अमरीकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया है। गुरुवार को रुपए में अचानक 20 पैसे की तेज गिरावट आई और यह 83.64 के सबसे निचले स्तर पर आ गया। इससे पहले इसने 83.57 रुपए प्रति डॉलर का स्तर छुआ था। अप्रैल 2024 में रुपए ने सबसे निचला स्तर छुआ।
क्यों गिरा भारत का रुपया?
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक अमरीकी डॉलर के मजबूत होने की वजह से रुपए गिरा है। रुपए के सबसे निचले स्तर पर आने के बावजूद ये एशिया में दूसरी सबसे बैस्ट प्रदर्शन करने वाली करंसी है। हांगकांग डॉलर इस लिस्ट में सबसे ऊपर है।
आई.एफ.ए. ग्लोबल के फाऊंडर और सी.ई.ओ. अभिषेक गोयनका ने बताया कि कोई बड़ी खबर तो नहीं आई है। वहीं, चीनी करेसी युआन भी सुस्त है। मुझे लग रहा है कि वोडाफोन डील एक कारण हो सकता है।
रुपए के गिरने से क्या होगा?
अमरीकी डॉलर के मुकाबले रुपए में बड़ी कमजोरी से सरकार के साथ आपकी मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं। इससे पैट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ती हैं जिसका सीधा असर आपके बजट पर होता है। भारत अपनी जरूरत का करीब 80 फीसदी पैट्रोलियम प्रोडक्ट आयात करता है। रुपए में गिरावट से पैट्रोलियम प्रोडक्ट्स का आयात महंगा हो जाएगा।
तेल कंपनियां पैट्रोल-डीजल की घरेलू कीमतों में बढ़ौतरी कर सकती हैं। डीजल के दाम बढ़ने से माल ढुलाई बढ़ जाएगी, जिसके चलते महंगाई में तेजी आ सकती है।
इसके अलावा, भारत बड़े पैमाने पर खाद्य तेलों और दालों का भी आयात करता है। रुपए के कमजोर होने से घरेलू बाजार में खाद्य तेलों और दालों की कीमतें बढ़ सकती हैं।
डॉलर के मूल्य में एक रुपए की बढ़ौतरी से तेल कंपनियों पर 8,000 करोड़ रुपए का बोझ बढ़ जाता है। इससे उन्हें पैट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ाने पर मजबूर होना पड़ता है। पैट्रोलियम उत्पाद की कीमतों में 10 फीसदी बढ़ौतरी से महंगाई करीब 0.8 फीसदी बढ़ जाती है। इसका सीधा असर आपने खाने-पीने और परिवहन लागत पर पड़ता है।