Why Rupee Falls: रिकॉर्ड लो पर रुपया, महंगे हो जाएंगे रोजमर्रा के खर्चे और इंपोर्टेड उत्पाद
punjabkesari.in Tuesday, Sep 23, 2025 - 12:02 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः मंगलवार, 23 सितंबर को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अपने अब तक के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया। शुरुआती कारोबार में रुपया 88.49 तक गिर गया, जबकि सोमवार को यह 88.31 पर बंद हुआ था। एशियाई करेंसीज की कमजोरी और अमेरिकी डॉलर की मजबूती ने रुपए को दबाव में डाला। साथ ही अमेरिकी टैरिफ और H1B वीजा फीस में $100,000 की बढ़ोतरी से भी रुपए पर दोहरी मार पड़ी है।
शुरुआती कारोबार
- रुपया 88.41 प्रति डॉलर पर खुला।
- शुरुआती सत्र में ही 88.46 का ऑल-टाइम लो छू लिया।
क्यों टूटा रुपया
अमेरिकी नीतियां – ट्रंप प्रशासन ने भारतीय निर्यात पर टैरिफ़ बढ़ा दिया है और नए H1B वीज़ा आवेदनों पर $100,000 फीस लगाने का ऐलान किया है। इससे IT सेक्टर और निर्यातकों पर सीधा असर पड़ा है।
एशियाई करेंसीज की कमजोरी – बाकी एशियाई मुद्राओं की गिरावट से भी रुपया प्रभावित हुआ।
डॉलर की मजबूती – अमेरिकी डॉलर में मजबूती ने रुपए को नीचे धकेला, हालांकि दिन में कुछ समय डॉलर में नरमी भी रही।
फेडरल रिजर्व की नीतियां – फेड की हालिया ब्याज दर कटौती और आगे और रेट कट के संकेतों से बाजार अस्थिर रहा।
आम आदमी पर असर
रुपए की गिरावट सीधे तौर पर रोजमर्रा की जिंदगी और खर्चों पर असर डालती है। इंपोर्टेड सामान जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स, मोबाइल, मशीनरी और तेल महंगे हो जाएंगे। भारत कच्चे तेल का सबसे बड़ा आयातक होने के कारण, रुपया कमजोर होने पर पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ जाती हैं।
इसके अलावा, डॉलर महंगा होने से विदेश यात्रा और पढ़ाई का खर्च भी बढ़ जाएगा। अमेरिका या अन्य देशों में पढ़ाई करने वाले छात्रों की फीस और रहने-खाने का खर्च काफी बढ़ सकता है। सोने की कीमतें भी डॉलर पर आधारित हैं, इसलिए रुपया कमजोर होने से सोने की कीमतों में और तेजी आती है।