usd vs inr: रुपए की ऐतिहासिक गिरावट से महंगाई का खतरा! पेट्रोल-डीजल से लेकर गैजेट तक सब हो सकता है महंगा
punjabkesari.in Wednesday, Dec 03, 2025 - 04:01 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः भारतीय रुपया लगातार कमजोर होता जा रहा है। 3 दिसंबर को रुपया पहली बार 25 पैसे टूटकर अब तक के सबसे निचले स्तर 90.21 रुपए प्रति डॉलर पर बंद हुआ। कुछ ही दिनों में यह तीसरी बड़ी गिरावट है। डॉलर महंगा होना सिर्फ आर्थिक आंकड़ों की बात नहीं—इसका सीधा असर आपके पेट्रोल, गैजेट, EMI, पढ़ाई और रोजमर्रा के खर्चों पर पड़ता है।
1. पेट्रोल-डीजल से लेकर सब्ज़ी-मिल्क तक महंगाई बढ़ेगी
भारत बड़ी मात्रा में पेट्रोल, डीजल और गैस को विदेशों से आयात करता है। जब डॉलर मजबूत हो जाता है, तो इन चीजों की लागत बढ़ जाती है। इसका असर सीधे पेट्रोल पंपों पर दिखता है। जैसे ही ईंधन महंगा होता है, ट्रांसपोर्ट की लागत बढ़ती है और यही बढ़ी हुई लागत रोजमर्रा की हर वस्तु सब्ज़ी, दूध, किराना, कपड़े सब पर जोड़ दी जाती है यानी रुपए की कमजोरी पूरे बाजार में महंगाई की चेन शुरू कर देती है।
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2. मोबाइल-लैपटॉप-फ्रिज और गैजेट्स होंगे महंगे
ज्यादातर इलेक्ट्रॉनिक्स में आयातित पार्ट्स लगते हैं जिनका भुगतान डॉलर में होता है। डॉलर महंगा होते ही कंपनियों की लागत बढ़ती है और कीमतें बढ़ती हैं।
- फोन
- लैपटॉप
- टीवी
- AC
- किचन अप्लायंसेज़
3. शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव बढ़ेगा
रुपए की कमजोरी का असर सेक्टर के हिसाब से अलग होता है:
- IT और फार्मा को फायदा (डॉलर में कमाई)
- ऑटो, स्टील, इलेक्ट्रॉनिक्स और आयात पर निर्भर सेक्टर को बड़ा नुकसान
इसी वजह से शेयर बाजार अस्थिर हो जाता है।
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4. विदेश में पढ़ाई और लोन EMI भी बढ़ेंगी
डॉलर महंगा होने से विदेश में पढ़ाई की लागत बढ़ जाती है। फीस, रहने का खर्च और अन्य खर्च सीधे-सीधे बढ़ जाते हैं। साथ ही, महंगाई बढ़ने पर RBI ब्याज दरों में कटौती से बचता है और कई बार ब्याज दरें बढ़ानी भी पड़ती हैं। इसका मतलब है कि होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन सभी महंगे हो जाते हैं और EMI बढ़ जाती है।
5. रोज़मर्रा की बचत और निवेश पर भी असर
महंगाई बढ़ने से लोगों की बचत कम होती जाती है।
फिक्स्ड इनकम वाले निवेश (FD, RD) पर रिटर्न महंगाई के मुकाबले कमजोर पड़ने लगते हैं।
