10 में से 4 नौकरियां निगल जाएंगे Robot

punjabkesari.in Monday, Mar 27, 2017 - 10:16 AM (IST)

नई दिल्ली: देश के कुछ नामी एक्सपर्ट ने आशंका जताई है कि तेजी से बढ़ते ऑटोमेशन का असर इतना ज्यादा होगा कि वर्ष 2021 तक दुनिया भर में 10 में से 4 नौकरियां रोबोट निगल जाएंगे। इंजीनियरिंग, मैन्युफैक्चरिंग, आई.टी., बैंकिंग और ऑटोमोबाइल्स जैसे सैक्टरों में ऑटोमेशन अब आम हो गया है। जैसे-जैसे यह बढ़ेगा श्रम आधारित नौकरियों पर इसका बहुत असर पड़ेगा।

3 से 4 साल में बड़े बदलाव 
पीपुल स्ट्रांग के कार्यपालक अधिकारी (सी.ई.ओ.) और संस्थापक पंकज बंसल का कहना है कि आने वाले 3 से 4 सालों में बड़े बदलाव नजर आएंगे। सबसे पहले मैन्युफैक्चरिंग, आई.टी., सिक्योरिटी और एग्रीकल्चर में असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि उन्हें अंदेशा है कि 2021 तक दुनियाभर में कई नौकरियां चली जाएंगी और इनमें भी हर चौथी नौकरी भारत से होगी। इसका मतलब यह है कि भारत में ही करीब 23 प्रतिशत नौकरियां खत्म हो जाएंगी। भारत में हर साल 55 लाख नौकरियां पैदा होती हैं, लेकिन यह भी कम पड़ जाती हैं तथा ऑटोमेशन इस गैप को और बढ़ा रहा है।

इस तरह घटीं जॉब्स 
प्रतिभा प्रबंधन समाधान प्रदाता कंपनी के.सी.ओ.सी.जी. इंडिया के क्षेत्रीय निदेशक फ्रांसिस पदामदान ने कहा कि अगर 5 साल पहले असैंबली लाइन में 1500 नौकरियां थीं तो आज उनकी गिनती घटकर 500 आ गई है क्योंकि अब फोकस ऑटोमेशन की ओर बढ़ गया है। उनका कहना है कि कम कुशलता के साथ और बड़ी मात्रा में होने वाला काम ऑटोमेशन के चलते प्रभावित होगा। इन सैक्टरों में ऐसा दौर आने को है जिसमें ऐसे कामों के लिए लोगों को कुछ समय के लिए हायर किया जाएगा जो ऑटोमेशन से नहीं हो सकते।

नई नौकरियां भी होंगी पैदा 
बंसल का कहना है कि इस कमी को पूरा करने के लिए सरकार को 2 क्षेत्रों पर फोकस करना होगा- मिड मार्कीट सेगमैंट को मजबूत करना और लोगों को योग्य बनाना ताकि वे नई नौकरियां पा सकें जो ऑटोमेशन के बाद सामने आएंगी। वहीं फ्रांसिस का मानना है कि ऑटोमेशन सारी नौकरियां नहीं खा जाएगा क्योंकि आपको अभी भी लोग चाहिएं जो रोबोट को बनाएं और उनकी निगरानी करें। सबसे निचले स्तर पर जहां नौकरियां प्रभावित होंगी तो नई नौकरियां भी सामने आएंगी।


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