बैंक डूबा तो खाते में ₹5 लाख से ज्यादा की रकम सुरक्षित! बैंक जमा इंश्योरेंस बढ़ाने की तैयारी में सरकार
punjabkesari.in Monday, Feb 17, 2025 - 06:00 PM (IST)
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बिजनेस डेस्कः केंद्र सरकार डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (DICGC) एक्ट के तहत मिलने वाले बैंक जमा इंश्योरेंस कवर को बढ़ाने पर विचार कर रही है। वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, वर्तमान में 5 लाख रुपए की बीमा सीमा को और बढ़ाया जा सकता है।
फिलहाल क्या है व्यवस्था?
DICGC के तहत, यदि कोई बैंक बंद हो जाता है या दिवालिया हो जाता है, तो जमाकर्ताओं को अधिकतम 5 लाख रुपए तक की राशि सुरक्षित मिलती है। यह राशि बैंक के विफल होने की स्थिति में 90 दिनों के भीतर खाताधारकों को वापस कर दी जाती है।
बढ़ी हुई बीमा सीमा से क्या बदलेगा?
यदि बीमा कवर की सीमा बढ़ाई जाती है, तो जमाकर्ताओं को अपनी अधिक जमा राशि के सुरक्षित होने का भरोसा मिलेगा। इससे लोग बैंकिंग सिस्टम पर अधिक विश्वास जताएंगे, जिससे बैंकिंग क्षेत्र में जमाओं में वृद्धि होगी और बैंक अधिक लोन देने में सक्षम होंगे।
बीमा राशि का भुगतान कैसे होता है?
- यदि कोई बैंक दिवालिया होता है, तो DICGC पहले ग्राहकों की जमा राशि की सूची प्राप्त करता है।
- इसके बाद, DICGC बीमा राशि बैंक को प्रदान करता है।
- बैंक खाताधारकों के अनुसार यह राशि उनके खातों में ट्रांसफर कर देता है।
किन बैंकों को मिलता है यह कवर?
सभी वाणिज्यिक बैंक, विदेशी बैंकों की भारतीय शाखाएं, स्थानीय क्षेत्रीय बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक DICGC बीमा योजना के तहत आते हैं।
बीमा कवर बढ़ाने की जरूरत क्यों?
हाल ही में न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक में वित्तीय अनियमितताओं के कारण ग्राहकों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। इससे पहले, पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (PMC), यस बैंक और लक्ष्मी विलास बैंक (LVB) के संकट के समय भी ग्राहकों को परेशानी हुई थी। बीमा राशि बढ़ने से ग्राहकों को अपनी जमा राशि की सुरक्षा का अधिक भरोसा मिलेगा।
DICGC, रिजर्व बैंक द्वारा संचालित संस्था है, जो बैंक ग्राहकों के लिए जमा बीमा कवर प्रदान करती है। यदि सरकार इसकी सीमा बढ़ाती है, तो यह बैंकिंग सेक्टर और आम जनता, दोनों के लिए एक राहत भरी खबर होगी।