आपसी समझ पर टिके हैं भारत-अमेरिका के संबंध: प्रभु

punjabkesari.in Tuesday, Oct 30, 2018 - 07:18 PM (IST)

नई दिल्लीः साझा मूल्यों और आपसी समझ को अमेरिका और भारत के संबंधों की बुनियाद करार देते हुए केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने मंगलवार को कहा कि जल्द ही 50 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने वाले भारतीय बाजार में अमेरिकी कंपनियों के शानदार संभावनाएं है।

प्रभु ने भारत-अमेरिका रणनीतिक भागीदारी मंच की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि भारत अर्थव्यवस्था जल्दी ही 50 खरब डॉलर की हो जाएगी और वर्ष 2035 तक इसका आकार 100 खरब डॉलर का होगा। इसको ध्यान में रखते हुए अमेरिकी कंपनियों को निवेश के बेहतर मौके उपलब्ध मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के संबंध आपसी समझ और साझा मूल्यों पर आधारित हैं। इसलिए भारत कभी भी अमेरिका के लिए रणनीतिक चुनौती नहीं बल्कि बल्कि भारत की नीति उसकी सहयोगी बनेगी। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और यह अमेरिकी कंपनियों के लिए बेहतर भागीदार हो सकता है। 

सरकार की विभिन्न योजनाओं, कार्यक्रमों और अभियानों का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत में कारोबार करने की प्रक्रिया में सराहनीय सुधार हुआ है और चीन से निकलने की इच्छुक अमेरिकी कंपनियों को भारत ने आकर्षक प्रस्ताव किए हैं। प्रभु ने कहा कि भारत के आर्थिक विकास के अनुरुप रणनीति बनाने पर बल दिया और कहा कि वैश्विक उथल पुथल के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था में बहुस्तरीय व्यापार प्रणाली है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी कंपनियों की किसी भी समस्याओं का समाधान करने के लिए कई स्तर उपलब्ध हैं।  

आंकड़ों के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था में अमेरिकी कंपनियां 66 लाख नौकरियों और 90 अरब डॉलर का योगदान करती हैं। भारत के लिए अमेरिका विदेश व्यापार का बड़ा भागीदार है और अमेरिका को सर्वाधिक निर्यात किया जाता है। पिछले चार साल के दौरान अमेरिका से 50 अरब डॉलर का विदेशी प्रत्यक्ष निवेश भारत आया है। 


 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

jyoti choudhary

Recommended News

Related News