Gold Loan में वृद्धि से RBI की बढ़ी चिंता, अनियमित प्रथाओं से बढ़ सकते हैं वित्तीय जोखिम

punjabkesari.in Thursday, Jan 02, 2025 - 01:29 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः देश में गोल्ड लोन में हालिया मजबूत वृद्धि से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के लिए चिंता का कारण बन गया है। नॉन-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (NBFC) धड़ल्ले से गोल्ड लोन बांट रही हैं। RBI की एक ताजा रिपोर्ट में बताया गया है कि सितंबर 2024 को समाप्त होने वाली अवधि में गोल्ड लोन में पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले तेज़ी से वृद्धि हुई है। इस वृद्धि ने वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए सोने पर बढ़ती निर्भरता को उजागर किया है, जिससे आरबीआई की चिंता बढ़ गई है।

हालांकि, आरबीआई ने रिपोर्ट में गोल्ड लोन में शामिल कुछ पर्यवेक्षित संस्थाओं (एसई) के बीच अनियमित प्रथाओं पर भी चिंता जताई। इन मुद्दों पर आरबीआई ने कहा कि उसने 30 सितंबर, 2024 को गाइडलाइन जारी किए थे। इसमें एसई से गोल्ड लोन के लिए अपनी नीतियों, प्रक्रियाओं और प्रथाओं की समीक्षा करने का आग्रह किया गया था। पहचाने गए अंतरालों में आउटसोर्सिंग प्रथाओं में कमियां, सोने के मूल्यांकन में विसंगतियां और लोन फंड के अंतिम उपयोग की अपर्याप्त निगरानी शामिल हैं।

कुल गोल्ड लोन में NBFC की हिस्सेदारी 59.9%

ये दिशा-निर्देश कुछ एसई में गोल्ड लोन पोर्टफोलियो के तेजी से विस्तार के जवाब में आए हैं और इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि विकास टिकाऊ हो और इसमें कोई गड़बड़ी न हो। आरबीआई ने कहा कि मार्च 2024 तक बैंकों और एनबीएफसी द्वारा वितरित कुल गोल्ड लोन में एनबीएफसी की महत्वपूर्ण हिस्सेदारी 59.9 प्रतिशत थी। यह सोने के आभूषणों और गहनों के बदले ऋण की मांग को पूरा करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका की पुष्टि करता है।

रिपोर्ट में कहा गया है, "एनबीएफसी ने मार्च 2024 के अंत तक कुल गोल्ड लोन (बैंक और एनबीएफसी दोनों) में 59.9 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ सोने के आभूषणों और गहनों को गिरवी रखकर कर्ज देने में अपना दबदबा बनाए रखा"।

दो-तिहाई से अधिक की गिरावट

रिपोर्ट में अन्य रिटेल लेंडिंग कैटेकरी में क्रेडिट ग्रोथ में मंदी का भी उल्लेख किया गया है। सितंबर 2023 से इनसिक्योर्ड पर्सनल लोन के ग्रोथ में उल्लेखनीय गिरावट आई है। जबकि, रिटेल एडवांस कैटगरी के भीतर माइक्रोफाइनेंस और स्वयं सहायता समूह के लोन के ग्रोथ रेट में पिछले वर्ष में दो-तिहाई से अधिक की गिरावट देखी गई है।
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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