भारत की जमीनी हकीकत से दूर हैं रेटिंग एजेंसियांः दास

punjabkesari.in Saturday, May 06, 2017 - 04:46 PM (IST)

जापानः रेटिंग में सुधार नहीं किए जाने से परेशान भारत ने वैश्विक रेटिंग एजेंसियों को आड़े हाथों लिया और कहा कि एजेंसियों को आत्मावलोकन करना चाहिए क्योंकि उनकी रेटिंग भारत की जमीनी हकीकत से कोसों दूर है। हाल में शुरू किए गए सुधारों के चलते रेटिंग बेहतर होनी चाहिए। 

आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने कहा कि भारत की बेहतर आर्थिक वृद्धि और बुनियादी कारकों में सुधार के बावजूद रेटिंग में सुधार नहीं किया जा रहा है। भारत पहले भी वैश्विक रेटिंग एजेंसियों की आकलन प्रणाली को लेकर सवाल उठा चुका है। उसका मानना है कि भुगतान जोखिम मामले में भारत की स्थिति दूसरी उभरती अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले बेहतर है।   

भारत ने विशेषतौर से एसएडंपी ग्लोबल रेटिंग की रेटिंग पर सवाल उठाते हुए कहा है कि बढ़ते कर्ज के बावजूद चीन को ‘एए-’ रेटिंग दी गई जबकि भारत को सबसे खराब रेटिंग से मात्र एक पायदान उपर  रखा गया है।

मूडीज और फिच ने भी एेसी ही रेटिंग भारत को दी है जिसका कारण एशियाई देशों में सबसे बड़ा राजकोषीय घाटा होना बताया गया है और यह देश की संप्रभु रेटिंग को बढऩे से रोकता है। दास ने यहां भारतीय मीडिया से कहा कि जहां तक सरकार की बात है, वह देश के भले के लिए जरूरी कदमोंं को उठाना जारी रखेगी जो उसकी अर्थव्यवस्था के लिए अच्छे होंगे। सरकार बुनियादी सुधार जारी रखेगी, सार्वजनिक निवेश को बढ़ाएगी और वह सब करेगी जो रोजगार सृजन, वृद्धि और अर्थव्यवस्था के लिए बेहतर होगा।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News