जेट एयरवेज के बाद संकट में पवन हंस, कर्मचारियों की सैलरी रोकी

punjabkesari.in Sunday, Apr 28, 2019 - 11:49 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः जेट एयरवेज और किंगफिशर के बाद अब पवनहंस हेलिकॉप्टर कंपनी संकट में है। इस सरकारी कंपनी की माली हालत खस्ता हो गई है। कर्मचारियों को सैलरी देने तक के पैसे नहीं बचे हैं। पवनहंस ने बयान में बताया कि 2018-19 में उसे करीब 89 करोड़ रुपए का घाटा हुआ। करोड़ों का कर्ज भी है। ऐसे में अप्रैल की सैलरी देने की हालत में नहीं है। 

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कर्मचारियों को सताने लगी चिंता
कंपनी के इस फैसले का असर कर्मचारियों और उनके परिवारों पर दिखने की आशंका है। कर्मचारियों को अपने बच्चों के स्कूल-कोचिंग की फीस और ईएमआई की चिंता सताने लगी है। सरकार ने पिछले साल पवनहंस को बेचने की कोशिश की थी। पवनहंस हेलिकॉप्टर कंपनी की माली हालत खस्ता होने से कंपनी के कर्मचारियों की परेशानी बढ़ गई है। पवनहंस के कर्मचारियों का कहना है कि इसमें हमारी क्या गलती है। कंपनी की पॉलिसी गलत रहीं। अब जब कंपनी डूबने लगी है तो हमारा क्या होगा? हमें सैलरी कौन देगा? समस्या और अधिक बढ़ी तो कर्मचारी कोर्ट जाने के बारे में भी सोच रहे हैं। 

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रोहिणी हेलिपोर्ट भी कारण 
जानकारों का कहना है कि कंपनी की माली हालत खराब होने में रोहिणी हेलिपोर्ट (दिल्ली) पर लगाए गए करीब 125 करोड़ रुपए भी बड़ा कारण रहे। हेलिपोर्ट शुरुआत में कुछ दिन चला, फिर उसे शटडाउन कर दिया गया। इससे एक रुपए की भी कमाई नहीं हो रही है। 

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कॉस्ट कटिंग की शुरुआत 
हालांकि पवनहंस को कंगाल होने से बचाने के हर संभव रास्ते तलाशे जा रहे हैं। इसके लिए पवनहंस ने कॉस्ट कटिंग भी शुरू कर दी है। कर्मचारियों को अब ओवरटाइम करने पर कोई अतिरिक्त पैसे नहीं मिलेंगे। देखने में आया है कि जो कर्मचारी ओवरटाइम करते हैं, उनमें से कई अपने ड्यूटी टाइम में काम करने में लापरवाही बरतते थे। ऐसे में कंपनी ने ओवरटाइम बंद करने का ऐलान कर दिया है। सिर्फ टेक्निकल स्टाफ ही ओवरटाइम कर सकता है। 


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jyoti choudhary

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