आर्थिक मंदी की चपेट में आया पारले का बिजनेस, 10 हजार लोगों को निकालने की तैयारी में कंपनी

punjabkesari.in Wednesday, Aug 21, 2019 - 11:28 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः ऑटो सेक्टर से शुरू हुआ आर्थिक मंदी का रोग अब कई सेक्टर में फैल गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कई सेक्टर्स से फैक्टरी बंद होने, प्रोडक्शन घटाने और कर्मचारियों की खबरें लगातार निकल कर सामने आ रही हैं। अब इस मंदी की चपेट में बिस्किट बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी पारले भी आ गई है।

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, खपत में सुस्ती आने के कारण पारले प्रॉडक्ट्स (Parle Products) 8,000-10,000 लोगों की छंटनी कर सकती है। अंग्रेजी के अखबार इकोनॉमिक टाइमस में छपी खबर में बताया गया है कि कंपनी 100 रुपए प्रति किलो या उससे कम कीमत वाले बिस्किट पर GST घटाने की मांग की है। अगर सरकार ने हमारी मांग नहीं मानी तो हमें अपनी फैक्टरियों में काम करने वाले 8,000-10,000 लोगों को निकालना पड़ सकता है क्योंकि सेल्स घटने से कंपनी को भारी नुकसान हो रहा है। हालांकि, पारले जी बिस्किट आमतौर पर 5 रुपए या कम के पैक में बिकते हैं।

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आपको बता दें कि पारले प्रोडक्ट्स की सेल्स 10,000 करोड़ रुपए से ज्यादा होती है। कंपनी के कुल 10 प्लांट है। इसमें करीब 1 लाख कर्मचारी काम करते है। साथ ही, कंपनी 125 थर्ड पार्टी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट भी ऑपरेट करती हैं। कंपनी की सेल्स का आधा से ज्यादा हिस्सा ग्रामीण बाजारों से आता है। 

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क्या है मामला
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि GST लागू होने से पहले 100 रुपए प्रति किलो से कम कीमत वाले बिस्किट पर 12 फीसदी टैक्स लगता था। इसीलिए कंपनी उम्मीद लगा रही थी कि GST में आने के बाद टैक्स की दरें 5 फीसदी तक आ सकती है लेकिन सरकार ने जब GST लागू किया तो सभी बिस्किटों को 18 फीसदी स्लैब में डाला गया।

ऐसे में कंपनियों की लागत बढ़ गई। लिहाजा दाम बढ़ाना ही एकमात्र जरिया रह गया। इससे कंपनी की बिक्री पर निगेटिव असर पड़ा। पारले को भी इस दौरान 5 फीसदी दाम बढ़ाने पड़े है लेकिन सेल्स घट रही है।

FMCG सेक्टर्स की डिमांड में कमी का अनुमान
आपको बता दें कि पिछले महीने मार्केट रिसर्च कंपनी नीलसन ने देश के FMCG सेक्टर को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है। इसमें उन्होंने इस साल के लिए ग्रोथ का अनुमान घटाकर 9-10 फीसदी कर दिया है।

इससे पहले ग्राोथ का अनुमान 11-12 फीसदी था। रिपोर्ट में बताया गया है कि आर्थिक सुस्ती का असर फूड बिजनेस पर दिख रहा है। इस सेक्टर में सबसे बुरा हाल, नमकीन, बिस्किट, मसाले, साबुन और पैकेट वाली चाय पर है। 
 


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jyoti choudhary

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