पुराने 500 और 1000 के नोटों को इस तरह बाजार में लाने जा रहा PAK!

punjabkesari.in Friday, Jun 08, 2018 - 02:22 PM (IST)

नई दिल्लीः नवंबर 2016 में बंद हो चुके पुराने 500 और 1000 रुपए के नोटों की लगातार होने वाली बरामदी की गुत्थी जांच एजेंसियों ने सुलझा ली है। भारतीय जांच एजेंसियों ने दावा किया है कि पाकिस्तान बड़ी संख्या में भारत की प्रतिबंध हो चुकी करेंसी को गुपचुप तरीके से नेपाल पहुंचा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तानी खुफिया संगठन आईएसआई नेपाल में स्थित स्मगलर्स की मदद से इस प्रतिबंधित करेंसी को कराची और पेशावर में स्थित प्रिंटिंग प्रेस पहुंचाने का काम कर रहा है।

सिक्योरिटी वायर निकालकर बना रहे नए जाली नोट
कराची और पेशावर के प्रिंटिंग प्रेस में पाकिस्तानी नोटों की भी छपाई होती है। सूत्रों ने दावा किया है कि भारतीय नोटों पर लगे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आर.बी.आई.) के सिक्योरिटी वायर को निकाल कर के नए 500, 2000 और 50 के जाली नोटों पर लगा देते हैं, जिससे असली और नकली नोटों को पहचान पाना बेहद मुश्किल होता है। कराची और पेशावर से इन नए भारतीय जाली नोटों को एक बार फिर से डी कंपनी की मदद से दुबई और बंग्लादेश जैसे देशों में भेजा जाता है। स्मगलर्स की मदद से इन नोटों को भारत में पहुंचाया जाता है।

जांच एजेंसियों के मुताबिक अलग-अलग राज्यों से लाखों रुपए के जाली नोट बरामद किए जा चुके हैं। इन जाली नोटों के कारोबार में लगे तस्करों से पूछताछ की गई तो पता चला कि वह पुराने भारतीय पुराने नोट को नेपाल भेजते हैं जहां पर पाकिस्तानी स्मगलर उन्हें इसके बदले पैसे देते हैं।

जांच में लगी एजेंसियां 
गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक अब जांच एजेंसियां ये पता करने में लगी हुई है कि जब से सरकार ने नोटबंदी का फैसला किया है तब से अब तक कितनी मात्रा में पुराने नोटों को नेपाल या दूसरे देशों में भेजा गया है। एनआईए फेक इंडियन करेंसी नोट (FICN) की जांच कर रही है। सूत्रों के मुताबिक जिन जाली नोटों को बरामद किया गया है उनकी क्वालिटी में काफी बदलाव आ रहा है और असली नकली का फर्क करना आम आदमी के लिए आसान नहीं है।


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jyoti choudhary

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