Jan Dhan Yojana: चार महीने में 1 करोड़ से अधिक नए जन धन खाते, जानें क्या मिलती हैं इसमें सुविधाएं
punjabkesari.in Tuesday, Nov 11, 2025 - 10:14 AM (IST)
बिजनेस डेस्कः वित्त मंत्रालय ने बताया कि चार महीने के वित्तीय समावेशन अभियान में 1.11 करोड़ नए प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) खाते खोले गए। इन खातों के माध्यम से हर पात्र नागरिक को बैंकिंग सुविधाओं से जोड़ा गया है। इन खातों के माध्यम से खाताधारक बैंक शाखा, एटीएम/सीडीएम या इलेक्ट्रॉनिक चैनलों के माध्यम से धन जमा कर सकते हैं और इसके लिए कोई सीमा नहीं है। खाते में न्यूनतम शेष राशि की आवश्यकता नहीं है और जमा राशि पर ब्याज मिलता है। खाताधारकों को RuPay डेबिट कार्ड के साथ 1 लाख रुपए का दुर्घटना बीमा कवर (28.8.2018 के बाद खोले गए नए खातों के लिए 2 लाख रुपए तक) और 10,000 रुपए तक की ओवरड्राफ्ट सुविधा भी मिलती है।
पीएमजेडीवाई खाते प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT), प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, अटल पेंशन योजना और मुद्रा योजना के लिए भी पात्र हैं। पिछले 11 वर्षों में देश में 56 करोड़ से अधिक जन धन खाते खोले जा चुके हैं, जिनमें कुल जमा राशि 2.68 लाख करोड़ रुपए से अधिक है। अगस्त 2025 तक 38 करोड़ से अधिक निःशुल्क RuPay कार्ड जारी किए जा चुके हैं, जिससे डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा मिला है। पीएमजेडीवाई खाते ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में अधिक खोले गए हैं और 56% खाते महिलाओं द्वारा खोले गए हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि योजना देश के दूर-दराज के क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन बढ़ाने में सफल रही है।
मुख्य बातें...
- खाताधारक किसी भी बैंक शाखा, एटीएम/सीडीएम या इलेक्ट्रॉनिक चैनल से जमा कर सकते हैं; राशि और लेनदेन पर कोई सीमा नहीं।
- हर महीने कम से कम 4 निःशुल्क निकासी, इसके बाद बैंक शुल्क लागू हो सकता है।
- खाते में न्यूनतम बैलेंस की जरूरत नहीं और जमा राशि पर ब्याज मिलता है।
- खाताधारकों को RuPay डेबिट कार्ड, दुर्घटना बीमा (1-2 लाख रुपए) और ओवरड्राफ्ट सुविधा (10,000 रुपए तक) उपलब्ध।
- खाते प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT), प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा, पीएम सुरक्षा बीमा, अटल पेंशन योजना और मुद्रा योजना के लिए पात्र।
- अब तक कुल 56 करोड़ से अधिक जन धन खाते खोले गए हैं, जिनमें जमा राशि 2.68 लाख करोड़ रुपए से अधिक और 38 करोड़ से ज्यादा RuPay कार्ड जारी।
- 67% खाते ग्रामीण/अर्ध-शहरी क्षेत्रों में, और 56% खाते महिलाओं द्वारा खोले गए।
