भारत-चीन का दबाव, ओपेक-रूस तेल उत्पादन में वृद्धि को तैयार

punjabkesari.in Saturday, Jun 23, 2018 - 01:00 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः प्रमुख तेल निर्यातक देशों के समूह ओपेक के सदस्य देश कच्चा तेल उत्पादन में सम्मिलित तौर पर प्रति दिन 10 लाख बैरल वृद्धि करने पर सहमत हो गए हैं। समूह के सूत्रधार सउदी अरब के तेल मंत्री खालिद अल-फालेह ने इसकी जानकारी दी। अल-फालेह ने ओपेक की बैठक के बाद कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि अंतत: हम 10 लाख बैरल के आंकड़े पर सहमत हुए जिसके बारे में हम बातें कर रहे थे।’’ उन्होंने कहा कि उत्पादन बढ़ाने के सउदी अरब के प्रस्ताव को पूर्ण सहमति मिली। हालांकि ईरान ने इस प्रस्ताव का विरोध किया था। 

ओपेक के 14 सदस्य देश, मुख्य रूप से सऊदी अरब, वेनेजुएला, ईरान और इराक ने 2016 में दुनिया के क्रूड ऑइल रिजर्व के 80 फीसदी से अधिक हिस्से को नियंत्रित किया। गैर सदस्य देश रूस सऊदी अरब के बाद दूसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक है। 

क्यों बढ़ रहा उत्पादन? 
दुनिया के सबसे बड़े तेल उपभोक्ता- अमेरिका, चीन और भारत कीमत में कमी के लिए सप्लाई में वृद्धि चाहते हैं। क्रूड ऑइल शुक्रवार को ब्रेंट एक्सचेंज पर 73.98 डॉलर प्रति बैरल रहा लेकिन आपूर्ति में इजाफे का मतलब ओपेक के लिए निर्यात में वृद्धि है, पर ईरान ऐसा नहीं कर पाएगा। दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति ने तेहरान पर फिर प्रतिबंध लगा दिए हैं और इसलिए उनके पास खरीददार कम हैं। 

कीमत में बहुत कमी नहीं? 
उत्पादन में अधिकतर वृद्धि सऊदी और रूस करेगा। हालांकि, तेल की कीमतों में बहुत अधिक कमी की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। वेनेजुएला जैसे देशों में कमी की वजह से उत्पादन में प्रभावी वृद्धि 77,000 बैरल प्रति दिन होगी, जोकि 2017 में ओपेक के द्वारा सप्लाई में की गई कमी का आधा होगा। 

भारत में कच्चे तेल की कीमत पिछले साल मई में 50.57 डॉलर प्रति बैरल से बढ़कर इस साल मई में 75.31 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गई। 


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jyoti choudhary

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