सरकार कर रही तैयारी, अब इन लोगों की भी होगी रेटिंग

punjabkesari.in Wednesday, Aug 02, 2017 - 10:26 AM (IST)

नई दिल्ली: आप कैसे पता करते हैं कि पाइप को ठीक करने आया प्लम्बर अच्छा काम करता है या बिजली मिस्त्री ए.सी. लगाने में एक्सपर्ट है। अब आप किसी अन्य प्रोफैशन की तरह ऐसे लोगों का रिकॉर्ड भी चैक कर सकते हैं। भारत स्किल को लेकर पहल के तहत सरकार रेटिंग का पैमाना बनाने की तैयारी में है। इसके तहत प्लम्बर, ड्राइवर और घरेलू कामगारों को भी इम्प्लॉयबिलिटी 1.10 के बीच ग्रेडिंग दी जाएगी।

2019 तक लागू करने की कोशिश
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि स्किल डिवैल्पमैंट मिनिस्ट्री नैशनल स्किल्स क्वॉलीफिकेशन फ्रेमवर्क (एन.एस.क्यू.एफ.) को अंतिम रूप देने में जुटी है और इसे 2019 तक अपनाने की बात है। इसके तहत इम्प्लॉयबिलिटी बैंचमार्क  बनाने का प्रस्ताव है। अधिकारी ने कहा कि इससे कुशल लोगों की पहचान करने में मदद मिलेगी और इम्प्लॉयर सूचना के आधार पर विकल्प चुन सकता है।

100 से भी ज्यादा देश तैयारी में
एन.एस.क्यू.एफ. के लिए 2013 में नोटीफिकेशन जारी किया गया था। यह क्वॉलिटी के बारे में आश्वासन देने वाला ढांचा है जिसके लिए स्किल्स डिवैल्पमैंट मिनिस्ट्री ने सभी तरह की स्किल ट्रेनिंग (सरकारी या प्राइवेट) के लिए 5 साल की समय सीमा तय की है। फिलहाल 100 से भी ज्यादा देश नैशनल क्वॉलीफिकेशन फ्रेमवर्क विकसित करने की तैयारी में हैं। इसके बाद केंद्र सरकार की पी.एस.यू. में एन.एस.क्यू.एफ. लैवल के लिहाज से भर्ती की योग्यता तय करने के लिए भर्ती नियमों में संशोधन किया जाएगा।
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डिग्री का दायरा देगा NSQF 
राज्य सरकारों और उनके पी.एस.यू. को इस आधार पर भर्ती नियमों में संशोधन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। एन.एस.क्यू.एफ. योग्यता संबंधी फ्रेमवर्क है जो जानकारी, स्किल और एप्टीच्यूड के लिहाज से सभी योग्यताओं को तय करता है। ये लैवल 1 से 10 तक ग्रेड के रूप में होते हैं और योग्यता के हिसाब से इसे मुहैया करवाया जाता है। एन.एस.क्यू.एफ. ऐसी डिग्री का दायरा मुहैया करवाएगा जिसमें वोकेशनल और जनरल एजुकेशन के बीच हिसाब से बदलाव की सहूलियत हो। यह देशभर में ट्रेनिंग के स्टैंडर्ड और राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्य नतीजों की भी राह मुहैया करवाते हुए भारत से स्किल्ड वर्कफोर्स के ग्लोबल स्तर पर मूवमैंट में मदद मुहैया करवाएगा। एन.एस.क्यू.एफ. की तरह इंटरनैशनल संस्थानों की मदद के जरिए इसे अंजाम दिया जाएगा।
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2018 के बाद होगा अनिवार्य
एन.एस.क्यू.एफ. में 5 साल के अमल का कार्यक्रम मुहैया करवाया गया है। इसके तहत 3 साल के बाद ऐसी किसी भी ट्रेनिंग, एजुकेशनल प्रोग्राम या कोर्स के लिए सरकारी फंडिंग उपलब्ध नहीं होगी जो एन.एस.क्यू.एफ. अनुकूल न हो। इसके अलावा सरकारी फंडिंग वाले सभी ट्रेनिंग और शैक्षिक संस्थानों में एन.एस.क्यू.एफ. के स्तर से योग्यता की शर्तें तय होंगी। 
 


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