अब छह महीने के औसत से तय होगा कंपनियों का बाजार पूंजीकरण

punjabkesari.in Tuesday, May 21, 2024 - 04:10 PM (IST)

नई दिल्लीः पूंजी बाजार नियामक सेबी ने सूचीबद्धता दायित्व और खुलासा आवश्यकता (एलओडीआर) नियमों के तहत सूचीबद्ध कंपनियों के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) की गणना के तरीके को बदल दिया है। एक दिन (वर्तमान में 31 मार्च) के बाजार पूंजीकरण का उपयोग करने के बजाय सूचीबद्ध कंपनियां अब छह महीने की अवधि के लिए ‘औसत बाजार पूंजीकरण' का उपयोग करेंगी।

बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि किसी सूचीबद्ध इकाई के बाजार पूंजीकरण में बाजार की गतिशीलता के आधार पर दैनिक आधार पर उतार-चढ़ाव होता रहता है। इसलिए एक उचित अवधि में बाजार पूंजीकरण के आंकड़ों का औसत उस सूचीबद्ध इकाई के बाजार आकार को अधिक सटीक ढंग से दर्शाएगा। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पूर्व पूर्णकालिक सदस्य एस के मोहंती की अध्यक्षता में गठित एक विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए ये बदलाव किए गए हैं। इस समिति का गठन कारोबारी सुगमता को बढ़ावा देने के लिए किया गया था। 

सेबी ने 17 मई को जारी एक अधिसूचना में कहा कि यह संशोधन 31 दिसंबर, 2024 से लागू होगा। अनुपालन की रैंकिंग एक जुलाई से 31 दिसंबर तक औसत बाजार पूंजीकरण पर आधारित होगी, जिसमें 31 दिसंबर कट-ऑफ तारीख होगी। इस तारीख को बाजार पूंजीकरण का निर्धारण करने के बाद प्रासंगिक प्रावधान लागू होने से पहले तीन महीने की संक्रमण अवधि होगी। एलओडीआर मानदंडों में संशोधन करते हुए सेबी ने कहा, ‘‘प्रत्येक मान्यता प्राप्त शेयर बाजार कैलेंडर वर्ष के अंत में यानी 31 दिसंबर को उन कंपनियों की एक सूची तैयार करेगा, जिन्होंने जुलाई से अपने औसत बाजार पूंजीकरण के आधार पर ऐसी कंपनियों की रैंकिंग करते हुए अपनी निर्दिष्ट प्रतिभूतियों को सूचीबद्ध किया है।'' 

यदि किसी इकाई की रैंकिंग लगातार तीन वर्षों तक बदलती है, तो नए प्रावधान सूचीबद्ध इकाई के लिए लागू नहीं होंगे, जिससे बाजार पूंजीकरण में उतार-चढ़ाव का अनुभव करने वाली कंपनियों को राहत मिलेगी। इसके अलावा सेबी ने प्रमुख प्रबंधकीय भूमिका (केएमपी) वाले खाली पदों को भरने के संबंध में छूट दी है और कुछ मामलों में समयसीमा को मौजूदा तीन माह से बढ़ाकर छह महीने कर दिया है।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

jyoti choudhary

Related News