सामान्य हो रही सूरजमुखी तेल की आपूर्ति

punjabkesari.in Saturday, Nov 26, 2022 - 01:35 PM (IST)

नई दिल्लीः युद्धग्रस्त देश यूक्रेन से खाद्य तेल का आयात चार महीने के अंतराल के बाद सितंबर से दोबारा सुचारु होने के बाद भारत में सूरजमुखी तेल की आपूर्ति सामान्य होने लगी है। आगे इसमें और सुधार होने के आसार हैं। यूक्रेन भारत को सूरजमुखी तेल की आपूर्ति करने वाला सबसे बड़ा देश रहा है। फरवरी में रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू के बाद यूक्रेन से आपूर्ति कम हो गई थी क्योंकि रूस ने उसे काला सागर बंदरगाहों तक पहुंचने से रोक दिया था। 

हालांकि तुर्की और संयुक्त राष्ट्र द्वारा द्वारा कराए गए एक समझौते के कारण यूक्रेन से शेष दुनिया को खाद्य वस्तुओं की आपूर्ति  बहाल हो गई है। भारत 19 से 25 लाख टन कच्चे सूरजमुखी तेल का आयात करता है, जिसमें लगभग 85 फीसदी आपूर्ति यूक्रेन और रूस से होती है। सितंबर में भारत ने यूक्रेन से 2,937 करोड़ टन सूरजमुखी तेल का आयात किया।

उसी महीने रूस से करीब 3,217.8 करोड़ टन खाद्य तेल का आयात हुआ। युद्ध शुरू होने के बाद से ही अर्जेंटीना खाद्य तेल का शीर्ष आपूर्तिकर्ता देश बना हुआ  है। सितंबर में अर्जेंटीना से 6,092.1 करोड़ टन खाद्य तेल का आयात हुआ। यूक्रेन और रूस के बाद अर्जेंटीना विश्व का सबसे बड़ा सूरजमुखी तेल उत्पादक देश है। भारत वहां से हर साल 3 से 4 लाख टन सूरजमुखी तेल का आयात करता है। अर्जेंटीना के साथ दीर्घकालिक अनुबंध करने के लिए भारत ने मर्कोसुर देशों के साथ मौजूदा तरजीही व्यापार समझौते (पीटीए) के तहत सूरजमुखी तेल पर आयात शुल्क खुद ही कम करने की भी पेशकश की है।

भारत ने समूह के साथ मौजूदा तरहीजी व्यापार समझौते के तहत सख्त जांच आवश्यकताओं में रियायत देने की भी पेशकश की है। भारत ने 2004 में अर्जेंटीना, ब्राजील, पैराग्वे और उरुग्वे की सदस्यता वाले लैटिन अमेरिकी व्यापारिक समूह मर्कोसुर के साथ एक पीटीए पर हस्ताक्षर किए थे। 

सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के महानिदेशक बीवी मेहता ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, 'हमने कुछ साल पहले अर्जेंटीना व्यापार संवर्द्धन संस्था सीआईएआरए के साथ एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए थे। इसके तहत आगे के करारों की संभावनाएं तलाशने के लिए एक प्रतिनि​धिमंडल को मार्च 2023 में कुछ देशों में भेजने की योजना बनाई जा रही है।' 

रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण मुंबई के बाजारों में आयातित सूरजमुखी तेल के दाम काफी बढ़ गए। युद्ध से पहले कीमत 1,400 से 1,500 डॉलर प्रति टन थी जो करीब 40 फीसदी बढ़कर मार्च, अप्रैल और मई में लगभग 2,150 डॉलर प्रति टन हो गई। अक्टूबर 2022 में मुंबई के बाजारों में सूरजमुखी तेल की कीमत करीब 1,411 डॉलर थी जो अक्टूबर 2021 की कीमत के लगभग बराबर है।


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Content Writer

jyoti choudhary

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