बैंक ग्राहकों की प्राइवेसी और डेटा सुरक्षा की कीमत पर कोई समझौता नहीं: RBI डिप्टी गवर्नर
punjabkesari.in Sunday, Apr 18, 2021 - 10:47 AM (IST)
बिजनेस डेस्कः भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव ने कहा है कि बैंकों में प्रौद्योगिकीय नवोन्मेष (Technology innovation) काफी महत्वपूर्ण है लेकिन यह ग्राहकों की निजता और डेटा सुरक्षा की कीमत पर आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है। राव ने टाटा कंसल्टेंसी सविर्सिज (टीसीएस) द्वारा ब्राजील स्थित भारतीय दूतावास के साथ मिलकर खुली बैंकिंग पर 14 अप्रैल को आयोजित एक वेबिनार में कहा, "हमें अपने ग्राहकों के बीच यह विश्वास पैदा करना होगा कि उनके साथ होने वाली तमाम वित्तीय लेनदेन में उनकी पूरी जानकारी और आंकड़े सब कुछ सुरक्षित है। इसके लिए नवोनमेष और नियमन दोनों को एक साथ चलना होगा।''
रिजर्व बैंक ने राजेश्वर राव के भाषण को शुक्रवार को अपनी वेबसाइट पर डाला है। खुली बैंकिंग से तात्पर्य यहां ग्राहक की उनसे अनुमति प्राप्त आंकड़ों को किसी तीसरे पक्ष के साथ साझा करने से है। तीसरे पक्ष यहा उन कंपनियों के बारे में कहा गया है जो कि खाताधारकों को बेहतर वित्तीय पारदर्शिता विकल्प, मार्केटिंग और क्रास-सेलिंग अवसर आदि उपलब्ध कराती हैं। यह काम वह ऐप बनाकर अथवा दी जाने वाली सेवाओं के जरिए करती हैं।
राव ने इस अवसर पर कहा कि सभी पक्षकार इस बात को समझेंगे कि जहां एक तरफ प्रौद्योगिकीय नवोन्मेष काफी महत्वपूर्ण हैं वहीं ग्राहकों की नजता और डेटा सुरक्षा को लेकर भी कोई समझौता नहीं किया जा सकता है। देश में आरबीआई और एनपीसीआई ने मिलकर यूपीआई जैसी एक भुगतान प्रणाली तैयार की है और इसकी ऐप को बैंकों और तीसरी पक्ष के एप प्रदाताओं के लिए जारी किया है।