इन 7 सार्वजनिक उपक्रमों को बंद करने की तैयारी में नीति आयोग

punjabkesari.in Wednesday, Mar 29, 2017 - 05:04 PM (IST)

नई दिल्ली: नीति आयोग सात बीमार सार्वजनिक उपक्रमों (पीएसयू) को बंद करने की सिफारिश वाला एक नया कैबिनेट नोट तैयार कर रहा है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के अनुसार इन पीएसयू के बढ़ते घाटे की बीमारी का यही इलाज ढूंढा गया है। सरकार ने बीमार हो रहे सार्वजनिक उपक्रमों के लिए रोडमैप तैयार करने का जिम्मा नीति आयोग को सौंपा है।

ये पीएसयू होंगे बंद
आयोग ने इससे पहले 26 बीमार पीएसयू को बंद करने के लिए चिह्नित किया था। इनमें से सात को बंद करने की आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) से मंजूरी मिल चुकी है। इन केंद्रीय पीएसयू में हिंदुस्तान केबल, टायर कॉरपोरेशन, एचएमटी वॉचेज, बर्डस जूट एंड एक्सपोर्ट लिमिटेड (बीजेडईएल) और सेंट्रल इनलैंड वॉटर ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन भी शामिल हैं। इस अधिकारी ने कहा कि ताजा सूची में शामिल सरकारी कंपनियां सीसीईए की ओर से बंद करने की मंजूरी पा चुके पीएसयू के अलावा हैं। इसके साथ ही आयोग ने पांच केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम लिक्विडेशन के लिए चिह्नित किए हैं। इन उपक्रमों का न तो पुनरुद्धार संभव है और न ही इन्हें बेचा जा सकता है। आयोग ने तीसरे चरण में 12 और पीएसयू की रणनीतिक बिक्री का सुझाव दिया है। इनमें नेशनल टेक्सटाइल कॉरपोरेशन, हिंदुस्तान एंटीबायोटिक्स, स्कूटर्स इंडिया लिमिटेड और हिंदुस्तान फ्लोरोकार्बन्स शामिल हैं।

विनिवेश के जरिए 72,500 करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य
बीते साल नीति आयोग ने दो चरणों में 15 सार्वजनिक उपक्रमों की रणनीतिक बिक्री की सिफारिश की थी। इनमें नेशनल मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन की एक और स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) की तीन यूनिटें शुमार हैं। आम बजट में अगले वित्त वर्ष के लिए सरकार ने विनिवेश के जरिए 72,500 करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा है। इसमें से 15,000 करोड़ रुपए की राशि रणनीतिक बिक्री के जरिए सरकारी खजाने में आएगी। सरकार को चालू वित्त वर्ष 2016-17 में विनिवेश के माध्यम से 45,000 करोड़ रुपए जुटाए जाने की उम्मीद है। वैसे, केंद्र अभी तक अपने विनिवेश प्रोग्राम के जरिये 30,000 करोड़ रुपये का ही इंतजाम कर पाया है।


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