मिस्त्री की याचिका खारिज, मुंबई से दिल्ली ट्रांसफर नहीं होगा केस

punjabkesari.in Friday, Oct 06, 2017 - 02:43 PM (IST)

नई दिल्लीः राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एन.सी.एल.टी.) ने टाटा संस के हटाए गए चेयरमैन साइरस मिस्त्री की अपने मामले को मुंबई से दिल्ली पीठ स्थानांतरित करने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी है। मिस्त्री ने इसमें उनको हटाए जाने को चुनौती दी थी। एन.सी.एल.टी. के चेयरमैन एम एम कुमार की अगुवाई वाली प्रधान पीठ ने मिस्त्री की दो निवेश कंपनियों पर दस लाख रुपए का अर्थदंड भी लगाया जो दोनों कंपनियों को साझा करना होगा। इन दो कंपनियों साइरस इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड और स्र्टिलंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन प्राइवेट लिमिटेड ने कहा था कि मुंबई पीठ कुछ पक्षपात कर सकती है।

मुंबई से दिल्ली ट्रांसफर नहीं होगा केस
पिछले महीने राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एन.सी.एल.ए.टी.) ने मिस्त्री को न्यूनतम शेयरधारिता नियम से छूट देते हुए कथित रूप से अल्पांश शेयरधारकों के उत्पीड़न की अपील दायर करने की अनुमति दी थी। एन.सी.एल.ए.टी. ने इस पूरे प्रकरण में अपवाद वाले और कुछ अलग परिस्थितियों के मद्देनजर यह छूट दी थी। मिस्त्री के परिवार के पास टाटा संस में 18.4 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। यदि तरजीही शेयरों को हटा दिया जाए तो यह तीन प्रतिशत से कम रह जाती है, जबकि अल्पांश शेयरधारकों के खिलाफ उत्पीड़न का मामला दायर करने के लिए 10 प्रतिशत स्वामित्व जरूरी है। एन.सी.एल.ए.टी. ने एन.सी.एल.टी. को इस मामले पर तीन महीने में फैसला करने का निर्देश दिया है। एन.सी.एल.टी. ने पूर्व में मिस्त्री की टाटा संस के खिलाफ याचिका को इस आधार पर खारिज कर दिया था कि वह न्यूनतम शेयरधारिता मानदंड को पूरा नहीं करते है।

पिछले साल मिस्त्री को हटाया गया था चेयरमैन पद से
मिस्त्री को 24 अक्तूबर को टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाया गया था। उन्हें 6 फरवरी, 2017 को होल्डिंग कंपनी के निदेशक मंडल से भी हटा दिया गया। साइरस इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड और स्र्टिलंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन ने टाटा संस के खिलाफ एन.सी.एल.टी. में अपील दायर की थी। 17 अप्रैल को एन.सी.एल.टी. की मुंबई पीठ ने निवेश कंपनियों की छूट की याचिका को खारिज कर दिया था। उसके बाद दोनों कंपनियां अपीलीय न्यायाधिकरण चली गई थीं।    


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